Udaipur Murder Case : राजस्थान के उदयपुर में टेलर कन्हैयालाल के मर्डर पर बवाल के बीच राजसमंद के भीम इलाके में कॉन्स्टेबल पर तलवार से हमला हुआ है। लोग यहां उदयपुर की घटना का विरोध कर रहे थे। पुलिसकर्मी के रोकने पर भीड़ में शामिल एक व्यक्ति ने उसकी गर्दन पर तलवार मार दी।
गंभीर रूप से घायल कॉन्स्टेबल को अजमेर रेफर किया गया है। भीम में ही मंगलवार को दोनों हत्यारे पकड़े गए थे। कॉन्स्टेबल संदीप चौधरी पर हमले के बाद पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच टकराव की स्थिति बन गई।
पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े तो प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव भी कर दिया। एसपी सुधीर चौधरी ने बताया कि उपद्रव कर रहे करीब 40 लोगों को हिरासत में लिया गया है। इधर, पूरे केस का इन्वेस्टिगेशन NIA ने अपने हाथ में ले लिया है।
Udaipur Murder Case : जयपुर व्यापारिक और हिंदू संगठनों ने शहर बंद की अपील की
दोनों आरोपियों के खिलाफ UAPA के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। टेरर एंगल से भी मामले की जांच की जा रही है। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी हालात पर चर्चा के लिए आज शाम को ऑल पार्टी मीटिंग बुलाई है। वहीं, इस हत्याकांड के विरोध में जयपुर व्यापारिक और हिंदू संगठनों ने शहर बंद की अपील की है। इस संबंध में बुधवार दोपहर व्यापारियों और हिंदू संगठनों ने बैठक बुलाई थी, जिसमें भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया भी शामिल थे।
इधर, मंगलवार को मारे गए कन्हैयालाल का बुधवार दोपहर अंतिम संस्कार कर दिया गया। शहर में कर्फ्यू के बाद उनकी अंतिम यात्रा में भारी भीड़ जुटी। लोगों ने ‘हत्यारों को फांसी दो’ के नारे लगाए। कन्हैया की हत्या के विरोध में शहर भी बंद रहा। पोस्टमॉर्टम के बाद उनका शव घर ले जाया गया, तो उनकी पत्नी ने रोते हुए कहा कि हत्यारों को फांसी की सजा दी जाए, नहीं तो ये लोग कई लोगों को मारेंगे।
कन्हैयालाल का बुधवार को ही पोस्टमॉर्टम हुआ। सूत्रों के मुताबिक, शरीर पर घाव के 26 निशान मिले हैं। 8 से 10 घाव केवल गर्दन पर ही थे। पीएम रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि कन्हैया का गला रेत कर अलग किया गया था। दोनों हमलावर कपड़े का नाप देने के बहाने मंगलवार को कन्हैया की दुकान में घुसे थे। इसके बाद उन्होंने बर्बर तरीके से उसकी हत्या कर दी थी।
सीएम अशोक गहलोत ने कहा- बहुत चिंता वाली बात है। किसी का मर्डर करना चिंताजनक है। पूरे देश में तनाव का माहौल बन गया है। माहौल ठीक नहीं है। गलियों-मोहल्लों में जहां जिसकी आबादी कम संख्या में है वे ज्यादा चिंतित है। आपस में तनाव और डिस्टेंस हो गया है। पीएम का भी फर्क पड़ता है।