UP NEWS : बरेली में एडीजे प्रथम फास्ट ट्रैक रवि कुमार दिवाकर की कोर्ट ने सोमवार को आईएमसी (इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल) के प्रमुख मौलाना तौकीर रजा खां के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया है। वहीँ, कोर्ट ने सीओ सिटी प्रथम को आदेश दिया है कि 13 मार्च तक मौलाना को वारंट तामील कराकर गिरफ्तार कर कोर्ट में हाजिर करें।
कोर्ट ने मौलाना तौकीर रजा को वर्ष 2010 के बरेली दंगे का मास्टरमाइंड बताकर सोमवार को तलब किया था। उनको सूचना देने के लिए समन जारी किया गया था। इसके बाद से प्रेमनगर व कोतवाली पुलिस ने मौलाना तौकीर के आवास के कई चक्कर लगाए, लेकिन वह नहीं मिले। रविवार शाम पुलिस फिर मौलाना तौकीर के आवास पर पहुंची थी।
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खबरों के अनुसार, इंस्पेक्टर आशुतोष रघुवंशी ने बताया था कि मौलाना तौकीर रजा के घर पर कई दिनों से ताला पड़ा है। उनके परिजन भी नहीं मिले थे। मोबाइल नंबर भी या तो बंद रहता है या फिर कॉल रिसीव नहीं होती। पड़ोसियों के मुताबिक मौलाना लंबे वक्त से दिल्ली में हैं। इस वजह से समन तामील नहीं हो सका। इधर, सोमवार को मौलाना तौकीर रजा कोर्ट में हाजिर नहीं हुए।
कोर्ट में हाजिर न होने पर मौलाना की मुश्किलें बढ़ गई हैं। एडीजे प्रथम फास्ट ट्रैक रवि कुमार दिवाकर ने मौलाना तौकीर रजा के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया है। कोर्ट ने पुलिस से सवाल किया कि तौकीर रजा हाजिर होना नहीं चाहते या फरार हो गए हैं। साथ ही आदेश दिया है कि 13 मार्च तक मौलाना को वारंट तामील कराकर गिरफ्तार कर कोर्ट में हाजिर करें।
जानिए क्या था मामला
दरअसल,बरेली में वर्ष 2010 में जुलूस-ए-मोहम्मदी के दौरान शहर में दो समुदायों के बीच हिंसा भड़की थी। कुतुबखाना बाजार चौराहे के पास सब्ज़ी मंडी में दंगाइयों ने करीब 20 दुकानों में आग लगा दी थी। शहर के सभी स्कूल, कॉलेज बंद करने के आदेश दे दिए गए थे और उपद्रवग्रस्त इलाकों में हेलीकॉप्टर से निगरानी की गई थी। पूरे मंडल में इससे सांप्रदायिक सौहार्द खतरे में पड़ गया था। कई दिन तक कर्फ्यू लगा था। इसी मामले में कोर्ट ने आईएमसी अध्यक्ष मौलाना तौकीर रजा को दंगे का मुख्य साजिशकर्ता माना है।