Vice President Election : उपराष्ट्रपति चुनाव की अधिसूचना जारी कर दी गयी है. इसके साथ ही नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया भी शुरू हो गयी है. निर्वाचन आयोग ने मंगलवार को 6 अगस्त को होने वाले उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए अधिसूचना जारी की. अधिसूचना के मुताबिक, नामांकन पत्र दाखिल करने की अंतिम तारीख 19 जुलाई है. मौजूदा उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू का कार्यकाल 10 अगस्त को समाप्त हो रहा है.
देश के नये उपराष्ट्रपति 11 अगस्त को शपथ लेंगे. नामांकन पत्रों की जांच 20 जुलाई को की जायेगी. 22 जुलाई तक उम्मीदवार अपना नामांकन वापस ले सकेंगे. आंकड़ों के लिहाज से उपराष्ट्रपति पद के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) का पलड़ा भारी है. इस चुनाव में लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य मतदान करते हैं. मनोनीत सदस्य भी इस चुनाव में अपना मत डाल सकते हैं.
राजनीतिक दलों ने अभी तक अपने उम्मीदवार के नाम की घोषणा नहीं की है. उपराष्ट्रपति राज्यसभा के सभापति भी होते हैं. उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए निर्वाचक मंडल में संसद के दोनों सदनों के 788 सदस्य शामिल होते हैं. चूंकि, निर्वाचक मंडल के सभी सदस्य, संसद के दोनों सदनों के सदस्य हैं, इसलिए प्रत्येक संसद सदस्य के मत का मूल्य समान अर्थात एक होगा.
Vice President Election : गुप्त मतदान के द्वारा होगा चुनाव
चुनाव आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के अनुसार, एकल संक्रमणीय मत के माध्यम से होगा और चुनाव गुप्त मतदान के द्वारा होगा. इस प्रणाली में, निर्वाचक को उम्मीदवारों के नामों के सामने वरीयताएं अंकित करनी होती है. आयोग ने कहा है कि मतदाताओं से मतदान की गोपनीयता को निष्ठापूर्वक बनाये रखने की अपेक्षा की जाती है. इस चुनाव में खुले मतदान की कोई अवधारणा नहीं है और राष्ट्रपति एवं उपराष्ट्रपति के चुनाव में किसी भी परिस्थिति में किसी को भी मतपत्र दिखाना पूरी तरह से प्रतिबंधित है.
उम्मीदवार के नामांकन पत्र में 20 प्रस्तावकों और 20 अनुमोदकों के हस्ताक्षर होने चाहिए. एक निर्वाचक या तो प्रस्तावक या अनुमोदक के रूप में उम्मीदवार के केवल एक नामांकन पत्र पर अपना हस्ताक्षर कर सकता है. एक उम्मीदवार अधिकतम चार नामांकन पत्र दाखिल कर सकता है. चुनाव के लिए जमानत राशि 15,000 रुपये है. वर्ष 1974 के नियमों में निर्धारित मतदान प्रक्रिया में यह प्रावधान है कि मतदान कक्ष में वोट पर निशान लगाने के बाद मतदाता को मतपत्र को मोड़कर मतपेटी में डालना होता है. मतदान प्रक्रिया के किसी भी उल्लंघन पर पीठासीन अधिकारी द्वारा मतपत्र को रद्द कर दिया जायेगा.