पुणे: महाराष्ट्र के पुणे जिले में ंिपपरी ंिचचवड पुलिस ने राज्य के मंत्री चन्द्रकांत पाटिल पर कथित तौर पर स्याही फेंकने के लिए गिरफ्तार तीन आरोपियों के खिलाफ हत्या के प्रयास की धारा हटा दी है और घटना के संबंध में 10 पुलिसर्किमयों का निलंबन भी वापस ले लिया है। एक शीर्ष अधिकारी ने यह जानकारी दी।
उल्लेखनीय है कि स्याही फेंकने की घटना शनिवार को यहां ंिपपरी ंिचचवड में पाटिल के उस बयान के विरोध में हुई जिसमें उन्होंने कहा था कि समाज सुधारकों बाबासाहेब अंबेडकर और महात्मा ज्योतिबा फुले ने शैक्षणिक संस्थान चलाने के लिए सरकारी अनुदान नहीं मांगा था। जब पाटिल अपने एक पदाधिकारी के घर से बाहर निकल रहे थे तो तीन लोगों ने उन पर स्याही फेंकी थी जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था।
घटना के बाद सुरक्षा में कथित चूक के लिए तीन अधिकारियों समेत 10 पुलिसर्किमयों को निलंबित कर दिया गया था। ंिपपरी ंिचचवड के पुलिस आयुक्त अंकुश ंिशदे ने मंगलवार को कहा, ‘‘हमने पाटिल पर स्याही फेंकने के लिए पकड़े गए तीन आरोपियों के खिलाफ दर्ज मामले में भारतीय दंड संहिता की धारा 307 (हत्या का प्रयास) हटा ली है। हालांकि, उन पर लगायी अन्य धाराएं बरकरार रहेंगी।’’
ंिशदे ने कहा, ‘‘10 पुलिसर्किमयों का निलंबन भी वापस ले लिया गया है।’’ यह कदम तब उठाया गया है जब इससे पहले सोमवार को पाटिल ने अपने बयान को लेकर पैदा विवाद को शांत करने के लिए माफी मांगी और उनपर स्याही हमले के सिलसिले में गिरफ्तार किये गए लोगों को छोड़ने का अनुरोध किया। साथ ही उन्होंने पुलिसर्किमयों का निलंबन वापस लिए जाने का भी आग्रह किया था।