तिरुवनंतपुरम: केरल में करीब दो साल बाद लोगों ने ओणम का त्योहार पूरे जोश व उल्लास के साथ मनाया। कोविड-19 वैश्विक महामारी के कारण लगी तमाम पाबंदियों के कारण पिछले दो साल में त्योहार के रंग फीके पड़ गए थे। इससे पहले 2018 और 2019 में भी राज्य के कुछ हिस्सों में आई विनाशकारी बाढ़ से ओणम उतने उत्साह से नहीं मनाया गया था।
इस साल हालांकि राज्यभर में लोगों में ओणम को लेकर उत्साह दिखा। लोगों ने इस साल घर की चार दीवारी से बाहर निकलर अपने रिश्तेदारों और दोस्तों के साथ त्योहार का जश्न मनाया। इस दक्षिणी राज्य में लोगों ने घरों को सजाया, रंगों तथा फूलों से रंगोली बनाई। परिवार के सदस्यों ने एक-दूसरे को ‘ओनाक्कोडी’ (नए कपड़े) भेंट की और केले के ‘चिप्स’ सहित केरल के खास व्यंजन तैयार किए।
गांवों में लोगों ने अपने घरों के आंगन में ऊंचे झूले भी लगाए। ओणम, केरल का प्रमुख वार्षिक त्योहार है। यह मलयालम कैलेंडर में ‘ंिचगम’ मास की थिरुवोणम तिथि पर पड़ता है। यह पर्व केरल में फसल की कटाई से जुड़ा है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, केरल पर कभी एक उदार असुर (राक्षस) राजा ‘महाबली’ का शासन था। उसके शासन काल में सभी समान थे और छल-कपट और चोरी की कोई घटनाएं नहीं होती थीं।
कहा जाता है कि महाबली की लोकप्रियता से ईर्ष्या करने वाले देवताओं ने भगवान विष्णु की मदद से उन्हें पाताल लोक में पहुंचा दिया था, लेकिन उन्हें हर साल थिरुवोणम तिथि पर केरल लौटने की अनुमति दे दी थी। केरलवासी ओणम को राजा महाबली की घर वापसी के रूप में मनाते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को ओणम के पर्व पर लोगों को शुभकामनाएं दीं और उम्मीद जताई कि यह पर्व समाज में सौहार्द की भावना बढ़ाए।
उन्होंने ट्वीट किया,‘‘ सभी को ओणम की शुभकामनाएं, खासतौर पर दुनिया भर में रह रहे केरल और मलयाली समुदाय के लोगों को। यह पर्व प्रकृति की महत्ता तथा हमारे मेहनती किसानों की अहमियत को रेखांकित करता है। ओणम का यह पर्व समाज में सौहार्द की भावना बढ़ाए।’’ राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने बुधवार को ही देशवासियों को ओणम की बधाई दे दी थी।
केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान और मुख्यमंत्री पिनारई विजयन ने भी बुधवार को दक्षिणी राज्य के लोगों और दुनिया भर में बसे मलयाली समुदाय के लोगों को ओणम की शुभकामनाएं दी थीं।