Odisha : ओडिशा में होने वाले 2024 के विधानसभा चुनाव से पहले सियासी हलचल तेज हो गई है. इसकी वजह है पिछले करीब 12 सालों से सूबे के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के सेक्रेटरी रहे आईएएस अधिकारी वीके पांडियन (IAS VK Pandian) के स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (VRS) लेते ही उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा दे दिया जाना. वह नवीन पटनायक के महत्वाकांक्षी परिवर्तनकारी पहल 5T के अध्यक्ष होंगे और सीधे मुख्यमंत्री को ही रिपोर्ट करेंगे.
सरकार की ओर से आनन-फानन में उन्हें ये महत्वपूर्ण पद दिए जाने के बाद उनके सूबे के अगले सीएम बनने की भी चर्चा तेज हो गई है. ऐसे में चलिए आज हम आपको बताते हैं कि आखिर ये वीके पांडियन कौन हैं जो एक आईएएस अधिकारी होने के बावजूद न केवल सरकार में बड़ा कद रखते थे, बल्कि सूबे की सियासत में भी अब दूर्जेय चेहरा बनकर उभरने लगे हैं.
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वीके पांडियन (VK Pandian) का पूरा नाम वी कार्तिकेय पांडियन है. उनका जन्म 25 मई 1974 को तमिलनाडु में हुआ था. वह करीब 23 सालों से मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के खास रहे हैं. उन्हें यूं ही सीएम पटनायक का उत्तराधिकारी नहीं कहा जा रहा बल्कि वर्ष 2000 के ओडिशा काडर के ही आईएएस अधिकारी रहे पांडियन अपनी तैनाती के साथ ही मुख्यमंत्री के पसंदीदा बन गए थे.
2002 में वह कालाहांडी जिले के धर्मगढ़ के सब कलेक्टर नियुक्त हुए थे. उसके बाद 2005 में पहली बार मयूरभंज जिले के डीएम बने. इसके बाद उनका तबादला 2007 में सीएम के गृह जनपद गंजाम में हुआ था. 2011 में मुख्यमंत्री ऑफिस (CMO) में तैनाती के बाद से वह सीएम नवीन पटनायक के निजी सचिव पर बने रहे हैं.
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पांडियन ओडिशा की सरकार में सबसे प्रभावशाली अधिकारी रहे हैं. इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि हाल के दिनों में उन्होंने राज्य हेलीकॉप्टर का उपयोग करके जिलों का इस कदर तूफानी दौरा किया था, जिसकी वजह से वह विपक्षी दलों के निशाने पर आ गए थे. उन पर प्रशासनिक सेवाओं की शर्तों के उल्लंघन के आरोप लगे थे.
2007 में पांडियन को गंजम का डीएम बनाया गया था जो मुख्यमंत्री नवीन पटनायक का गृह जनपद है. यहां अपने शानदार कार्यशैली की वजह से वह सीएम के विश्वासपात्र नौकरशाहों में शुमार हो गए थे. यहीं से पांडियन को सीधे 2011 में मुख्यमंत्री कार्यालय में पोस्टिंग मिली जिसके बाद से वह सीएम के निजी सचिव बने रहे हैं.
2019 में जब नवीन पटनायक पांचवीं बार सूबे के मुख्यमंत्री बने तब उन्होंने ओडिशा के समग्र विकास के लिए 5T नाम से कल्याणकारी अभियान को लांच किया, जिसकी कमान अपने सबसे खास नौकरशाह पांडियन को सौंपा. उन्हें 5T का सचिव बनाया गया था और अब उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाकर सीधे इसकी जिम्मेदारी सौंप दी गई है. सचिव के पद पर नियुक्ति के बाद से ही पांडियन ने लोगों की सुविधाओं के लिए उनकी शिकायतें सुनने हेतु हेलीकॉप्टर का तूफानी इस्तेमाल किया और 190 बैठकें की.
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ओडिशा सरकार की वेबसाइट के मुताबिक पांडियन का जन्म 25 मई 1974 को तमिलनाडु में हुआ था. वह अंग्रेजी और ओड़िया के अलावा तमिल और हिंदी भी अच्छी तरह से बोल लेते हैं जो सूबे में रहने वाले पूर्वी भारतीयों के बीच पैठ सुनिश्चित करने में मददगार साबित हो सकता है. कहा जा रहा है कि स्वास्थ्य कारणों से मुख्यमंत्री नवीन पटनायक 2024 के चुनाव के समय सीएम का पद छोड़ सकते हैं. ऐसी स्थिति में पांडियन को उनका उत्तराधिकारी बनाया जा सकता है.