नयी दिल्ली: केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने रेलवे में कथित नौकरी के बदले जमीन घोटाले में बुधवार को दिल्ली की एक अदालत के समक्ष पूरक आरोप पत्र दाखिल किया। यह मामला राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार के कई सदस्यों से जुड़ा है।
अंतिम रिपोर्ट तीन व्यक्तियों के खिलाफ विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने के समक्ष दायर की गई। आरोपियों में दो उम्मीदवार – अशोक कुमार और बबीता के अलावा भोला यादव भी शामिल है। भोला यादव लालू प्रसाद के निजी सचिव थे।
न्यायाधीश 14 मार्च को इस बात पर विचार करेंगे कि आरोप पत्र पर संज्ञान लिया जाए या नहीं। अदालत ने 28 फरवरी को मामले में बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और उनकी बेटियों मीसा भारती और हेमा यादव को जमानत दे दी थी।
अधिकारियों के अनुसार, यह मामला 2004 से 2009 तक रेल मंत्री के रूप में लालू प्रसाद के कार्यकाल के दौरान मध्यप्रदेश के जबलपुर स्थित रेलवे के पश्चिम मध्य जोन में ग्रुप-डी नियुक्तियों से संबंधित है, जिसके बदले में भर्ती हुए व्यक्तियों द्वारा जमीन राजद प्रमुख लालू प्रसाद के परिवार या सहयोगियों को कथित तौर पर उपहार में दी गई या उनके नाम हस्तांतरित की गई।
एजेंसी ने मामला 18 मई, 2022 को प्रसाद और उनकी पत्नी, दो बेटियों और अज्ञात लोक सेवकों और निजी व्यक्तियों सहित 15 अन्य लोगों के खिलाफ दर्ज किया था।