Maharashtra : महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता अनिल देशमुख के जेल से बाहर आने के सभी प्रयास नाकाम साबित हो रहे हैं। मंगलवार को बॉम्बे हाई कोर्ट ने देशमुख की दायर जमानत याचिका पर सुनवाई दो दिसंबर तक के लिए स्थगित कर दी।
हालांकि सीबीआई ने कहा कि सहायक सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) अनिल सिंह का स्वास्थ्य खराब है। इस कारण वह आज अदालत में मौजूद नहीं थे। इसलिए कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका स्थगित कर दी। महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री ने 26 अक्टूबर को 100 करोड़ रुपये जबरन वसूली मामले के सिलसिले में जमानत के लिए बॉम्बे हाई कोर्ट का रुख किया। वहीं इससे पहले सीबीआई की एक विशेष अदालत ने 21 अक्टूबर को देशमुख की जमानत याचिका खारिज कर दी थी।
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सीबीआई ने अनिल देशमुख पर आरोप लगाया था कि उन्होंने पुलिसकर्मियों को मुंबई में बार मालिकों से हर महीने अवैध रूप से अपने लिए 100 करोड़ रुपये इकट्ठा करने को कहा था। इस मामले पर सचिन वाजे का भी बयान दर्ज किया था। वहीं सीबीआई कोर्ट ने कहा था कि गवाहों के बयानों से स्पष्ट है कि अनिल देशमुख इस पूरे मामले में मुख्य साजिशकर्ता हैं। उन पर लगे आरोप बेहद गंभीर हैं। ऐसे में अगर उन्हें जमानत दी जाती है तो वह मामले और गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं।
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आगे कोर्ट ने कहा था कि अनिल देशमुख को जो भी चिकित्सा सुविधाएं चाहिए उन्हें दी जा रही हैं, इसलिए उन्हें चिकित्सा आधार पर भी जमानत नहीं दी जा सकती है। सीबीआई की जांच अभी प्रारंभिक चरण में है, इसलिए इस स्तर पर अनिल देशमुख को जमानत देना सही नहीं है। अनिल देशमुख अभी भी आर्थर रोड जेल में न्यायिक हिरासत में हैं क्योंकि भ्रष्टाचार के मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा भी उनकी जांच की जा रही है। देशमुख को ईडी ने नवंबर 2021 में गिरफ्तार किया था और वह फिलहाल न्यायिक हिरासत में है।