महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे बनाम एकनाथ शिंदे के मामले में सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक बेंच ने गुरुवार को फैसला सुनाया. कोर्ट ने कहा कि इस मामले को बड़ी बेंच में भेजा जाएगा. सीजेआई ने कहा, नबाम रेबिया मामले में उठाए गए सवाल को बड़ी बेंच में भेजना चाहिए. क्योंकि उसमे और स्पष्टता की आवश्यकता है.
महाराष्ट्र में जून 2022 में एकनाथ शिंदे की बगावत के बाद उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महाविकास अघाड़ी सरकार गिर गई थी. इसके बाद एकनाथ शिंदे ने बागी विधायकों और बीजेपी के समर्थन से सरकार बनाई थी. अब 11 महीने बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को बड़ी बेंच के पास भेजने का फैसला किया है. यानी फिलहाल अब ये मामला टल गया है.
जून 2022 में शुरू हुआ था सियासी संकट
महाराष्ट्र में पिछले साल जून में एकनाथ शिंदे गुट ने बगावत कर दी थी. इसके बाद उद्धव सरकार गिर गई थी. शिंदे ने शिवसेना के बागी विधायकों के साथ बीजेपी के समर्थन में सरकार बनाई. इसके बाद से उद्धव ठाकरे गुट के कई नेता शिंदे गुट में शामिल हो चुके हैं. वहीं लंबी उठापटक के बाद शिवसेना के नाम और पार्टी के सिंबल पर हक को लेकर उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे के बीच तनातनी चल रही थी. चुनाव आयोग ने एकनाथ शिंदे गुट को शिवसेना का प्रतीक तीर कमान सौंप दिया था.