Cash For Query case : कैश फॉर क्वेरी मामले में टीएमसी (TMC) सांसद महुआ मोइत्रा की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. उन पर पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने का आरोप है. इसे मामले में उनके खिलाफ केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) जांच के आदेश दिए गए हैं. इसे लेकर भाजपा सांसद डॉ. निशिकांत दुबे का कहना है कि टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ कैश-फॉर-क्वेरी आरोपों की सीबीआई (CBI) जांच के आदेश दिए गए.
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संसदीय आचार समिति के चीफ विनोद सोनकर का कहना है कि व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी ने हलफनामे में महुआ मोइत्रा पर आरोप लगाए हैं कि उन्होंने उनकी दोस्ती स्वीकार की थी. उनका दावा किया था कि सांसद ने प्रसिद्धि पाने के लिए अडानी समूह पर निशाना साधना था. साल 2019 के लोकसभा चुनाव में महुआ मोइत्रा सांसद बनी थी और उनसे दोस्तों ने उसे एडवाइज दिया था कि प्रसिद्धि का सबसे छोटा रास्ता नरेंद्र मोदी और गौतम अडानी पर हमला करना है, क्योंकि दोनों गुजरात से आते हैं.
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इसके बाद टीएमसी (TMC) सांसद महुआ मोइत्रा ने सभी आरोप को खारिज कर दिया और इसे भाजपा की साजिश करार दिया था. उन्होंने एक्स पर लिखते हुए कहा कि आचार समिति के चीफ पत्रकारों के सामने खुलकर बातें करते हैं, लेकिन लोकसभा नियम के अनुसार एक ‘शपथ पत्र’ मीडिया तक कैसे पहुंचता है? पहले अध्यक्ष को इस मामले की जांच करनी चाहिए कि ये शपथ पत्र कैसे लीक हुआ.