Manipur: सीआरपीएफ के अधिकारियों को सुरक्षा बलों, आरएएफ की तैनाती के समन्वय का कार्य सौंपा गया

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नयी दिल्ली: केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के कम से कम पांच उप-महानिरीक्षक (डीआईजी) रैंक के अधिकारियों और सात वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) और एसपी रैंक के अधिकारियों को ंिहसा प्रभावित मणिपुर में विभिन्न सुरक्षा बलों की तैनाती के समन्वय का कार्य सौंपा गया है।

केंद्र ने आदिवासियों और बहुसंख्यक मेइती समुदाय के बीच बढ़ती ंिहसा के मद्देनजर सीआरपीएफ और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) सहित केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) की लगभग 20 नई कंपनियां भेजी हैं। ंिहसा के कारण 9,000 से अधिक लोगों को अपने गांवों से विस्थापित होना पड़ा।

सेना और असम राइफल्स के अलावा सीएपीएफ इकाइयों को तैनात किया जा रहा है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि कुछ वरिष्ठ अधिकारियों को दिल्ली और रांची से लाया जा रहा है। अधिकारी ने बताया कि त्वरित कार्य बल (आरएएफ) के एक डीआईजी और सीआरपीएफ की संचार शाखा को विशेष रूप से दंगा रोधी इकाइयों की तैनाती की निगरानी के लिए मणिपुर भेजा गया है।

उन्होंने बताया कि उप महानिरीक्षक (डीआईजी) मणिपुर के चुराचांदपुर, इंफाल पूर्व और इंफाल पश्चिम में सीआरपीएफ के मौजूदा स्टेशनों पर तैनात रहेंगे, जबकि कमांडेंट बिष्णुपुर, कांगपोकपी और तमेंगलोंग में तैनात होंगे। एक अन्य अधिकारी ने बताया कि सीएपीएफ की 15 नई कंपनियों को भारतीय वायुसेना के विमानों के माध्यम से इंफाल भेजा गया है, जबकि कुछ और को तैयार रहने के लिए कहा गया है।

उन्होंने बताया कि राज्य के विभिन्न हिस्सों में सुरक्षा बलों और पहाड़ी क्षेत्रों में गतिविधियां चलाने वाले उग्रवादियों के बीच मुठभेड़ की सूचना मिली है। एक अधिकारी ने बताया कि कुकी समुदाय के सदस्यों ने राज्य सरकार से यह सुनिश्चित करने की अपील की है कि सीएपीएफ और सेना की इकाइयों को तुरंत गांवों में भेजा जाए क्योंकि कई स्थानीय लोगों के घरों में आग लगाए जाने के बाद उन्हें आसपास के जंगलों में शरण लेनी पड़ी है। मणिपुर में बुधवार को आदिवासियों और बहुसंख्यक मेइती समुदाय के बीच झड़पों के साथ ंिहसा भड़क गई, जिसके कारण 9,000 से अधिक लोगों को विस्थापित होना पड़ा।

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