छत्तीसगढ़ के आदिवासी अंचलों में किसानों की ताकत बना मिलेट मिशन, व्यापार मेले में दिख रही झलक

0
240
छत्तीसगढ़ के आदिवासी अंचलों में किसानों की ताकत बना मिलेट मिशन, व्यापार मेले में दिख रही झलक

रायपुर : पास्ता और नूडल्स सेहत के लिए सही नहीं माने जाते, लेकिन यदि ये मिलेट से बने हों तो आप जरूर स्वाद लेना चाहेंगे। दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में लगाए गए छत्तीसगढ़ पवेलियन में स्वास्थ्य के लिए जागरूक आगंतुकों को खासा आकर्षित कर रहा है। यहाँ स्वाद और सेहत से भरपूर उत्पाद मिल रहे हैं।

छत्तीसगढ़ सरकार के लघु वनोपज व कृषि उत्पादों के प्रसंस्करण और वेल्यूएडिशन का सार्थक प्रयास अब बाज़ार में भी नजर आने लगा है। कुछ साल पहले तक पोषक तत्वों से भरपूर कोदो-कुटकी सिर्फ गरीबों का भोजन माना जाता था, लेकिन सरकारी सहयोग मिलने पर स्वयं सहायता समूह की महिलाएं खाद्य उत्पादों में कई नवाचार कर इसकी डिमांड बढ़ा दी है। छत्तीसगढ़ के स्टॉल में कोदो से बने फ्लैक्स, मिलेट से बने इडली रवा, रागी से बने हक्का नूडल्स, पोहा, पास्ता, कूकीज़, कुटकी से बना पास्ता उपलब्ध है।

देश-विदेश में कोदो-कुटकी, रागी जैसे मिलेट की बढ़ती मांग को देखते हुए छत्तीसगढ़ में मिलेट मिशन शुरू किया गया है। छत्तीसगढ़ सरकार ने मिलेट मिशन के माध्यम से वर्ष 2023 तक छत्तीसगढ़ को देश में मिलेट हब के रूप में पहचान बनाने का लक्ष्य रखा है। मिलेट मिशन से वनांचल और आदिवासी क्षेत्र के किसानों की न केवल आमदनी हो रही है। बल्कि छत्तीसगढ़ को एक नई पहचान भी मिल रही है। वहीं, मिलेट्स के प्रसंस्करण और वेल्यूएडिशन से किसानों, महिला समूहों और युवाओं को रोजगार भी मिल रहा है।

इसके अलावा छत्तीसगढ़ के स्टॉल में लघु वनोपज के प्रसंस्करण द्वारा तैयार त्रिफला, महुआ लड्डू, च्यवनप्राश, चिरौंजी, सेनेटाईजर, भृगराज तेल, शहद, काजू इत्यादि के हर्बल उत्पाद भी मिल रहे हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here