नई दिल्ली : राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) में गिरावट वाले राज्यों को निर्देश दिया है कि वे वायु गुणवत्ता में सुधार सुनिश्चित करने के लिए ‘ठोस प्रयास’ करें। अधिकरण ने इससे पहले केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के ऑनलाइन वायु गुणवत्ता बुलेटिन का संज्ञान लिया था और कई राज्यों के मुख्य सचिवों को नोटिस जारी किया था।
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पीठ ने उन राज्यों के मुख्य सचिवों को भी निर्देश दिया था जहां एक्यूआई में गिरावट आई है या यह अब भी गंभीर बनी हुई है, या बहुत खराब और खराब है। एनजीटी की पीठ ने पंजाब, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, मेघालय, उत्तर प्रदेश, झारखंड, महाराष्ट्र और बिहार सहित विभिन्न शहरों के 10 से 21 नवंबर के बीच के एक्यूआई चार्ट का जिक्र किया। पीठ ने कहा, ‘इनसे जुड़े अधिकारियों में से किसी ने भी संतोषजनक प्रयास नहीं किया है।’
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एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव, न्यायिक सदस्य न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल और विशेषज्ञ सदस्य ए सेंथिल वेल की पीठ ने इस बात पर भी गौर किया कि विभिन्न राज्यों की रिपोर्ट में जिक्रकिया गया है कि वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए उपाय किए गए थे, लेकिन कोई सार्थक परिणाम नहीं आए और शहरों में एक्यूआई कुछ उतार-चढ़ाव के साथ खराब, बहुत खराब या गंभीर बना हुआ है। पीठ ने बुधवार को पारित आदेश में आगे कहा, राज्य के अधिकारियों को ठोस प्रयास करने की आवश्यकता है ताकि शहरों में हवा की गुणवत्ता में सुधार हो।
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इसमें कहा गया है कि राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (एनसीएपी) और 15वें वित्त आयोग के तहत एनएसी (गैर-प्राप्ति वाले शहर) के तहत आने वाले शहरों के लिए वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए कार्य योजना के क्रियान्वयन के लिए विभिन्न राज्यों के लिए धन जारी किया गया है। पीठ ने कहा, वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए की जाने वाली कार्रवाई मंजूर कार्य योजना के अनुसार होनी चाहिए, जिसमें स्रोत विभाजन के अनुसार वायु गुणवत्ता को नियंत्रित करने वाले कारण को संबोधित करने के लिए प्राथमिकता दी जानी चाहिए।