उत्तर बस्तर कांकेर 08 जून 2025 : जिला प्रशासन द्वारा संचालित “पुना पर्रियान” (नई उड़ान) योजना के अंतर्गत युवाओं को सेना (अग्निवीर), जल, थल एवं वायुसेना, पुलिस आरक्षक, एसआई एवं वनरक्षक जैसी सेवाओं में भर्ती के लिए निःशुल्क कोचिंग दी जा रही है। इस योजना के क्रियान्वयन और निर्माण कार्यों की प्रगति का औचक निरीक्षण जिला पंचायत कांकेर के मुख्य कार्यपालन अधिकारी हरेश मंडावी ने किया।
निरीक्षण के दौरान उन्होंने कोचिंग सेंटर में आवास, भोजन, सुरक्षा और अन्य मूलभूत सुविधाओं का जायजा लिया तथा संबंधित अधिकारियों को कार्यों को शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने विद्यार्थियों से सीधा संवाद कर उनकी समस्याएं और सुझाव भी सुने।
इसके साथ ही मंडावी ने “मावा मोदोल” योजना के तहत संचालित निःशुल्क कोचिंग संस्थान का भी निरीक्षण किया। उन्होंने विद्यार्थियों से पढ़ाई और तैयारी की प्रगति पर चर्चा की, फीडबैक लिया और छात्रों द्वारा बनाए गए नोट्स तथा कोर्स की जानकारी का अवलोकन किया। शिक्षकों को आवश्यक निर्देश दिए गए एवं विद्यार्थियों को लक्ष्य निर्धारण कर समर्पण के साथ पढ़ाई करने की प्रेरणा दी।
सीईओ ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि किस प्रकार मेहनत, धैर्य और लगन से किसी भी प्रतियोगी परीक्षा में सफलता प्राप्त की जा सकती है। उन्होंने विशेष रूप से CGPSC जैसी परीक्षाओं के लिए मेंस और प्रिलिम्स दोनों स्तर की तैयारी के लिए योजनाबद्ध ढंग से अध्ययन करने पर बल दिया।
उन्होंने जून से सितंबर तक विषयवार कार्ययोजना तैयार करने और छात्रों की योग्यता के अनुसार कोर्स मॉड्यूल तय करने के निर्देश दिए। साथ ही, आगामी सप्ताह में करियर काउंसलिंग सेमिनार, ग्रुप डिस्कशन, पर्सनालिटी डेवलपमेंट क्लासेस, और लाइब्रेरी में चयनित लेखकों की पुस्तकें उपलब्ध कराने की भी योजना बनाई गई है।
“मावा मोदोल – मंथन” योजना के तहत गांव-स्तर पर होगी प्रतिभाओं की पहचान
जिला प्रशासन की अभिनव पहल “मावा मोदोल – मंथन” के तहत प्रत्येक गांव में प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे युवाओं की पहचान की जाएगी। इसके लिए स्नातक कर चुके युवाओं का चयन कर ग्राम पंचायत स्तर पर सूची तैयार की जाएगी। चयनित छात्रों के लिए मोटिवेशनल क्लासेस, स्क्रीनिंग टेस्ट और ऑनलाइन कक्षाओं के माध्यम से उन्हें रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।
इस पहल का उद्देश्य ग्रामीण युवाओं को सही दिशा देकर उन्हें प्रतियोगी परीक्षाओं और रोजगार के लिए सक्षम बनाना है, ताकि वे भटकाव से बचकर अपने भविष्य को सशक्त बना सकें।