भारत का चंद्रयान-3 इतिहास रचने की दहलीज पर, देवालयों से लेकर गंगा किनारे तक पूजा-पाठ, हवन-आरती का आयोजन…

0
216
भारत का चंद्रयान-3 इतिहास रचने की दहलीज पर, देवालयों से लेकर गंगा किनारे तक पूजा-पाठ, हवन-आरती का आयोजन...
भारत का चंद्रयान-3 इतिहास रचने की दहलीज पर, देवालयों से लेकर गंगा किनारे तक पूजा-पाठ, हवन-आरती का आयोजन...

भारत का चंद्रयान-3 इतिहास रचने की दहलीज पर है। इस महत्वाकांक्षी मिशन की सफलता के लिए मंगलवार को काशी और प्रयागराज के देवालयों से लेकर गंगा किनारे तक पूजा-पाठ, हवन-आरती का दौर चला। रूसी मिशन के फेल होने के बाद से उपजी आशंकाओं के शमन के लिए धर्म नगरी में विभिन्न धार्मिक, शैक्षणिक एवं सामाजिक संगठनों ने 33 कोटि देवी-देवताओं से प्रार्थना की। कल यानी बुधवार को चंद्रयान चंद्रमा की सतह पर उतरने जा रहा है।

काशी के धर्मिक और सामाजिक संगठनों ने सुबह से ही चंद्रयान-3 की सफलता के लिए पूजा-पाठ शुरू कर दिया था। सभी ने देवाधिदेव महादेव से प्रार्थना की कि मिशन चंद्रयान-2 में अंतिम समय में हुई चूक जैसा चंद्रयान-3 के साथ कुछ भी न हो। भारत दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला पहला और चांद पर उतरने वाला अमेरिका, रूस और चीन के बाद विश्व का चौथा देश बनने में सफल रहे।

बटुकों ने उतारी मां गंगा की आरती
नमामि गंगे ने वेदपाठी बटुकों के साथ मिलकर गंगा किनारे प्रार्थना की। सिंधिया घाट पर चंद्रयान-3 की तस्वीर लेकर नमामि गंगे के साथ महर्षि वेद विद्यालय के बटुकों ने बाबा विश्वनाथ, भगवान भास्कर और मां गंगा की आरती उतार कर सफलता की कामना की। दुग्धाभिषेक करके देवी-देवताओं से गुहार लगाई। नमामि गंगे काशी क्षेत्र के संयोजक राजेश शुक्ला ने कहा, हमारी यह कामना है कि भारत का चंद्रयान-3 मील का पत्थर बने और नया इतिहास रचे।

एस. सोमनाथ जिंदाबाद के लगे नारे
दशाश्वमेध के शास्त्रार्थ महाविद्यालय में बटुकों और संस्कृत के शिक्षकों ने समवेत प्रार्थना की। मिशन की सफलता के लिए दिनरात लगे इसरो के चेयरमैन एस. सोमनाथ जिंदाबाद के नारे भी लगाए गए। वृंदावन के स्वामी रंगनाथाचार्य के सानिध्य में चंद्रयान-3 के चित्र के समक्ष स्वतिवाचन हुआ। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. पवन शुक्ल के नेतृत्व में बटुकों ने भारत माता का जयकारा लगाया। राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त डॉ. गणेश दत्त शुक्ल ने भारतीय वैज्ञानिकों का श्रम सार्थक होने की कामना की।

कामाख्या मंदिर और सुदामा कुटी में हवन
कामाख्या मंदिर और सुदामा कुटी आश्रम में संत महात्माओं ने हवन-पूजन किया। तिरंगा और चंद्रयान की तस्वीर लेकर मंत्रोच्चार के बीच हवन कुंड में सामग्री डाली गईं। कामाख्या मंदिर में हर-हर महादेव और भारत माता की जयघोष के बीच शंखनाद हुआ। सुदामा कुटी में हवन के दौरान कुंड के पास तिरंगा लेकर बैठे महंत चंद्रभूषण महाराज ने कहा कि चंद्रयान-3 की सफलता से भारत का गौरव पूरे विश्व भर में फैलेगा।

मठ बाघम्बरी और बड़े हनुमान मंदिर में हुआ आयोजन
प्रयागराज में चांद की सतह पर चंद्रयान-3 सफलतापूर्वक उतरे, इसलिए शहर के मठ-मंदिरों में पूजा-पाठ शुरू हो गया है। मठ बाघम्बरी में मंगलवार सुबह हवन, पूजन और रुद्राभिषेक हुआ, वहीं शाम को बड़े हनुमान मंदिर परिसर में सुंदरकांड का पाठ हुआ। इस दौरान संतों और महंतों ने नगर देवता से भारत के विश्वगुरु बनने की कामना की।

इसरो की ओर से छोड़ा गया चंद्रयान-3 बुधवार शाम चांद की सतह पर उतरने वाला है। मिशन चांद के पूरा होने की कामना शहर के मठों मंदिरों में की गई। सुबह बाघम्बरी मठ में श्रीमहंत बलवीर गिरि की अगुवाई में संत जुटे। सबसे पहले भगवान शिव का स्नान कराकर रुद्राभिषेक कराया गया। इसके बाद हवन किया गया। दोपहर तक क्रम चलता रहा। चंद्रयान की सफलता को लेकर हवन कुंड में आहूतियां डाली गईं।

शाम को बंधवा स्थित बड़े हनुमान मंदिर परिसर में सामूहिक सुंदरकांड का पाठ हुआ। श्रीमहंत बलवीर गिरि ने बताया कि हमारी यही कामना है कि भारत का अंतरिक्ष की दिशा में बढ़ा हर कदम सफल हो। हमारा देश विश्व गुरु बने। इसे लेकर यह धार्मिक अनुष्ठान किया गया। आयोजन में बड़ी संख्या में शहरियों ने भी शिरकत की।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here