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“किशोरावस्था के दौरान लड़के और लड़कियों में होने वाले सामान्य शारीरिक परिवर्तन” के ऊपर पिरामल फाऊंडेशन ने कार्यक्रम आयोजित किया

रायपुर : आंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 8 मार्च को मनाया गया। स्कूल को होली की सुट्टी होने के कारण 10 मार्च को कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय एड़का में छात्र छात्राओं को “किशोरावस्था के दौरान लड़के और लड़कियों में होने वाले सामान्य शारीरिक परिवर्तन” के लिए कार्यक्रम आयोजित किया।

पिरामल फाऊंडेशन सामजिक क्षेत्र मे सदैव कार्यशील रहता है शिक्षा, आरोग्य क्षेत्र मे काम करता है, इस काम को आगे बढाते हुए। जिला फेलो बबन गांगुर्डे इनके माध्यम से कार्यक्रम आयोजित किया। किशोर स्वास्थ्य परामर्श केंद्र की डॉ.रीना पात्र (आई.सी.टी.सी काउंसलर), डॉ.सुगरी नेताम (अहाना एनजीओ) (आर.एम.एन.सी.एच काउंसलर), जितेंद्र सूर्यवंशी और डॉ.सरिता पोडाई (आर.एच.ओ) ने “किशोरावस्था के दौरान लड़के और लड़कियों में होने वाले सामान्य शारीरिक परिवर्तन” के ऊपर छात्र छात्राओं को मार्गदर्शन किया गया।

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बचपन से लेकर बुढ़ापे तक जीवन में कई पड़ाव आते रहते हैं, जिनमें से सबसे अहम पड़ाव किशोरावस्था है। यह वो समय होता है, जब बच्चे बचपने से निकल कर जीवन की दूसरी सीढ़ी पर पैर रखने के लिए तैयार होते हैं। उनमें मानसिक व शारीरिक विकास के साथ-साथ बौद्धिक विकास भी होने लगता है। यही वो दौर होता है, जहां से उनके भविष्य की राह तय होती है। इस समय में जरा-सी लापरवाही बच्चे के जीवन की राह बदल देती है।

अगर यह कहा जाए कि मनुष्य के जीवन का यह सबसे नाजुक दौर होता है। किशोरावस्था एक परिपक्वता की ओर बढ़ता कदम होता है। किशोरावस्था में शारीरिक व मानसिक बदलाव तेजी से होते हैं। इस उम्र में किशोर-किशोरी यौन, मानसिक तथा व्यवहारिक रूप से परिपक्व होने लगते हैं ऐसे में उनके मन में अनसुलझे सवाल, शंकाएं व जिज्ञासा होती है, जिनके समाधान के लिए किशोर स्वास्थ्य परामर्श केंद्र जिला अस्पताल नारायणपूर प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं।

लड़कियों को बढ़ती उमर के साथ होने वाले शारीरिक बदलाव के बारे विस्तृत रूप से जानकारी दी। लड़कियों को शरीर में होने वाले बदलाव से घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि यह बदलाव नैसर्गिक है, लेकिन इस दौरान अगर कोई परेशानी महसूस होती है, तो बिना देरी महिला डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है।

किशोरावस्था में होने वाले परिवर्तन पार जानकारी दी गई। इसके माध्यम से हमारा उद्देश्य है, की पढ़ाई के दौरान छात्राओं को इस बारे में जागरूता होनी चाहिए। इस कार्यक्रम की जानकारी उपस्थित कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय एड़का की सुधा मांडवी, पूर्णिमा यादव मैडम कार्यक्रम में मौजूद थी। सेवा हेतु हमारे जीवन का लक्ष्य है की इस तरह की जानकारी सभी छात्र छात्राओं तक पहुंचाते रहें।

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