उत्तराखंड : दिवाली के दिन से उत्तरकाशी की निर्माणाधीन सुरंग में कैद 41 श्रमिक बाहर निकले की उम्मीद लगाए हैं। उन्हें बाहर निकालने की पूरी कोशिशें हो रही हैं लेकिन हर बार मशीन के आगे बाधा आ रही है। रेस्क्यू का आज 15वां दिन है। हैदराबाद (Hyderabad) से प्लाज्मा कटर लाया गया है। इसके साथ ही बीएसएनएल ने भी फंसे मजदूरों तक लैंडलाइन की सुविधा दे दी है।
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सिलक्यारा सुरंग में मजदूरों को बाहर निकालने के लिए ऑगर मशीन से ड्रिलिंग का काम रुक गया है। जिसके चलते रेस्क्यू ऑपरेशन से जुड़े अधिकारियों के चेहरे उतर गए हैं। इससे सुरंग के बाहर से लेकर भीतर तक निराशा का माहौल है। सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को बाहर निकालने के लिए पिछले 13 दिनों से चल रहा रेस्क्यू ऑपरेशन शुक्रवार को अंतिम चरण में पहुंच गया था। यहां अमेरिकी ऑगर मशीन से 800 एमएम पाइप की ड्रिलिंग का काम किया जा रहा था। इस दौरान 1.5 मीटर ड्रिलिंग के बाद मशीन के सामने सरिया और पाइप की अड़चन सामने आ गई और ड्रिलिंग का काम रोकना पड़ा।
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ऑगर मशीन के फंसे बरमे को काटने के लिए आज तड़के पांच बजे हैदराबाद से प्लाज्मा कटर पहुंच गया है। जिससे अभी तक 27 मीटर बरमे को काटकर निकाला जा चुका है। अभी 18 मीटर तक और काटकर निकाला जाना है। सूत्रों के अनुसार इस काम में अभी एक से डेढ़ दिन का समय और लग सकता है।
सुरंग के अंदर बचाव दल के लोग काम कर रहे हैं। अब सुरंग के अंदर सुरक्षा छतरी लगाने की तैयारी चल रही है। फंसे हुए श्रमिकों को अपने परिवार के सदस्यों से बात करने में सक्षम बनाने के लिए बीएसएनएल की ओर से एक लैंडलाइन सुविधा स्थापित की गई है।