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PM MODI: दशकों तक रेल को ‘स्वार्थ’ की राजनीति’ का शिकार होना पड़ा…

नयी दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की पूर्ववर्ती सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि दशकों तक भारतीय रेल को ‘स्वार्थ भरी राजनीति’ का शिकार होना पड़ा लेकिन वही आज परिवर्तन के सबसे बड़े दौर से गुजर रही है।

प्रधानमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से 41,000 करोड़ रुपये से अधिक की लगभग 2,000 रेलवे बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करने के बाद अपने संबोधन में यह बात कही। इस दौरान उन्होंने कुछ परियोजनाओं को राष्ट्र को सर्मिपत भी किया।

उन्होंने ‘प्रधानमंत्री अमृत भारत स्टेशन योजना’ के तहत 553 रेलवे स्टेशनों के पुर्निवकास का शिलान्यास भी किया। करीब 27 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में स्थित इन स्टेशनों का 19,000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से पुर्निवकास किया जाएगा।

अपने संबोधन में मोदी ने कहा, ‘‘आज रेलवे से जुड़ी 2,000 से अधिक परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण हुआ है। अभी तो इस सरकार के तीसरे कार्यकाल की शुरुआत जून महीने से होने वाली है। लेकिन अभी से जिस गति और पैमाने से काम होना शुरू हो गया है, वो सबको हैरत में डालने वाला है।’’ उन्होंने कहा कि आज का भारत बड़े सपने देखता है और उन्हें पूरा करने के लिए दिन-रात एक भी कर देता है।

उन्होंने कहा, ‘‘यही संकल्प इस विकसित भारत, विकसित रेलवे कार्यक्रम में दिख रहा है।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में सभी ने एक ‘नया भारत’ बनते देखा है और रेलवे में परिवर्तन तो साक्षात लोग अपनी आंखों से देख रहे हैं।

उन्होंने कहा कि जो कभी कल्पना में सोचते थे, आज अपनी आंखों से देख रहे हैं। उन्होंने कहा कि एक दशक पहले तक ‘अमृत भारत’ जैसी आधुनिक ट्रेन की कल्पना बहुत मुश्किल थी और ‘नमो भारत’ जैसी शानदार रेल सेवा के बारे में किसी ने कभी सोचा नहीं था।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘दशकों तक रेलवे को हमारे यहां स्वार्थ भरी राजनीति का शिकार होना पड़ा। लेकिन अब भारतीय रेलवे देशवासियों के लिए यात्रा की सुगमता का मुख्य आधार बन रही है। जिस रेलवे के हमेशा घाटे में होने का रोना रोया जाता था, आज वह रेलवे परिवर्तन के सबसे बड़े दूर से गुजर रही है।’’ उन्होंने कहा कि यह सब इसलिए संभव हो पा रहा है क्योंकि भारत 11वें नंबर से छलांग लगाकर पांचवें नंबर की अर्थव्यवस्था बन गया है।

उन्होंने कहा कि 10 साल पहले जब भारतीय अर्थव्यवस्था 11वें नंबर पर थी तब रेलवे का औसत बजट 45,000 करोड रुपए के आसपास रहता था आज जब देश पांचवें नंबर की आर्थिक ताकत है तो इस वर्ष का रेलवे बजट ढाई लाख करोड़ रुपए से अधिक का है।

उन्होंने कहा, ‘‘आप कल्पना कीजिए जब हम दुनिया की तीसरी बड़ी आर्थिक महाशक्ति बनेंगे तो हमारा सामर्थ्य कितना अधिक बढ़ेगा। इसलिए मोदी भारत को जल्द से जल्द दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के लिए जी जान से जुटा है।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि बजट चाहे कितना भी बड़ा हो अगर घोटाले होते रहे तो जमीन पर उसका असर कभी नहीं दिखता।

उन्होंने दावा किया कि केंद्र सरकार ने पिछले 10 वर्षों में सरकारी पैसे की लूट को बचाया है इसलिए आज नई रेलवे लाइन बिछाने की गति दोगुनी हो गई है और आज जम्मू कश्मीर से लेकर पूर्वोत्तर तक भारतीय रेल पहुंच रही है।

मोदी ने कहा कि जब अवसंरचना विकास पर खर्च होता है तो मजदूर से लेकर इंजीनियर तक अनेक लोगों को रोजगार मिलता है और नई नौकरियों की संभावनाएं बनती है। उन्होंने कहा, ‘‘आज जो यह लाखों करोड़ रुपए का निवेश हो रहा है, इनसे हजारों प्रकार के रोजगार की गारंटी भी मिलगी। जब स्टेशन बड़े और आधुनिक होंगे, ज्यादा ट्रेन चलेंगी, ज्यादा लोग आएंगे तो आसपास रेहड़ी-पटरी वालों को भी फायदा होगा।’’

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