नई दिल्ली : भारतीय राजनीतिक रणनीतिकार और राजनीतिज्ञ प्रशांत किशोर ने तमिलनाडु में बिहारियों के साथ मारपीट की घटना का एक वीडियो रिट्वीट किया है. उन्होंने तमिलनाडु में बिहारियों पर हो रहे हमले के मामले में तमिलनाडु रेलवे पुलिस के ट्विटर हैंडल से ट्वीट किए गए एक वीडियो को रिट्वीट करते हुए लिखा- यह वीडियो तमिलनाडु रेलवे पुलिस ने 16 फरवरी को शेयर किया है. तमिलनाडु सरकार के डीजीपी को जीआरपी चेन्नई में रजिस्टर्ड इस एफआईआर के स्टेटस के बारे में भी बताना चाहिए.
यह भी पढ़ें :-मुख्यमंत्री बघेल आज रायपुर और बिलासपुर के कार्यक्रमों में शामिल होंगे
हालांकि, कुछ घंटे बाद तमिलनाडु पुलिस ने दावा किया कि बिहार के मजदूरों को मारे जाने के संबंध में सोशल मीडिया पर जो वीडियो चल रहे थे, वे फर्जी हैं. इसी कारण से सवाल खड़े हो रहे हैं कि कैसे बिहार के सीएम सोशल मीडिया पर चल रही फर्जी खबरों के शिकार हो गए?
इधर, इसके बाद तमिलनाडु के डीजीपी शैलेंद्र बाबू ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट करते हुए कहा- “बिहार में किसी ने बिहार के मजदूरों पर तमिलनाडु में हमले के संबंध में एक झूठा और भ्रामक वीडियो पोस्ट किया है. घटना के संबंध में सोशल मीडिया पर प्रसारित दो वीडियो फर्जी हैं. वीडियो के तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है और दावा किया गया है कि तमिलनाडु में रहने वाले बिहारी मजदूरों पर हमला किया जा रहा है.”
यह भी पढ़ें :-मुख्यमंत्री की बड़ी घोषणा : छत्तीसगढ़ सरकार आवास योजना के पात्र हितग्राहियों को पक्के आवास उपलब्ध कराने स्वयं नवीन सर्वे कराएगी
दिलचस्प बात यह है कि इस मुद्दे को बिहार विधानसभा में भी उठाया गया था, जिसमें बीजेपी ने तमिलनाडु में काम करने वाले बिहार के लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सरकार पर बहस की मांग की थी. जिस वक्त बीजेपी विधानसभा में इस मुद्दे को उठा रही थी, उस वक्त नीतीश और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव सदन में मौजूद नहीं थे.