रायपुर: छत्तीसगढ़ में नई सरकार बनने के कुछ ही दिनों में अचानक दो साल के धान के बकाया बोनस राशि के मिलने पर किसानों के चेहरों पर खुशी छा गई है। किसान इस बोनस राशि का उपयोग बच्चों को उच्च शिक्षा देने, खेती को उन्नत बनाने सहित कई आवश्यक पारिवारिक कामों में लगाने की बात कह रहे हैं।
धान का बोनस मिलने के बाद अपनी खुशी जाहिर करते हुए कोरबा जिले के ग्राम बींझकोट के वयोवृद्ध किसान श्री लम्बोदर पटेल ने कहा कि उन्हें धान के बकाया बोनस के रूप में 5 लाख 81 हजार 400 रूपए मिले हैं। जैसे ही उनके खाते के बोनस की राशि अंतरित हुई उनके खुशी का ठिकाना ही नहीं रहा।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को इसके लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि धान का बकाया बोनस प्राप्त होने से किसानों के परिवार में खुशहाली आ गई है। उन्होंने सोचा भी नहीं था कि इतनी जल्दी बकाया धान बोनस की राशि उन्हें मिलेगी।
लेकिन मोदी की गारंटी और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के किसान हितैषी निर्णय के फलस्वरूप बोनस के रूप में 05 लाख से अधिक राशि प्राप्त हुई है। उन्होंने बताया कि उनका तीन बेटे-बहू, 5 नाती-पोते सहित कुल 13 सदस्यों का संयुक्त परिवार हैं। उनके नाती पोते मेडिकल व इंजीनियरिंग परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं। धान के बोनस राशि का उपयोग वे अपने नाती पोतों को उच्च शिक्षा दिलाने में और उन्नत खेती के लिए करेंगे।
गौरतलब है कि पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी के जन्म दिवस पर आयोजित सुशासन दिवस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की गारंटी के तहत मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय द्वारा प्रदेश के 11 लाख 76 हजार 815 किसानों को खरीफ विपणन वर्ष 2014-15 व 2015-16 के धान विक्रय के बकाया बोनस राशि 3 हजार 7 सौ 16 करोड़ रुपए का वितरण किया। यह राशि उनके बैंक खाते में डीबीटी के माध्यम से अंतरित की गई है। बोनस राशि पाकर उत्साहित किसानों ने देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को धन्यवाद देते हुए आभार व्यक्त किया है।
इसी तरह छुरी के किसान वरूण सिंह को भी सुशासन दिवस के अवसर पर धान के बोनस के रूप में 03 लाख 69 हजार 600 रूपए मिले हैं। उन्होंने भी इस बात पर अपनी खुशी जताते हुए कहा कि उनकों भी उम्मीद नहीं थी कि उन्हें बकाया बोनस मिल पाएगी। लेकिन प्रदेश में विष्णुदेव सरकार के आते ही अब उनके खाते में धान का लंबित बोनस आ गया है। इससे उन्हें बड़ी राहत मिली है। इस राशि का उपयोग से वे खेत में फसल की उत्पादन बढ़ाने के लिए आवश्यक संसाधनों की पूर्ति करने एवं उन्नत खाद-बीज खरीदने में करेंगे। इसके लिए उन्होंने राज्य सरकार का आभार व्यक्त किया है।