रायपुर: छत्तीसगढ़ में कानून व्यवस्था ध्वस्त: ED की कार्यवाही में जेल में बंद कोयला तस्करी स्कैम का मुख्य आरोपी निखिल चंद्राकर के ऊपर 2 साल पहले हुए बलात्कार की धारा में एफ आई आर में जेल में बंद निखिल चंद्राकर ने अपने गिरोह के दो साथी गोलू औऱ नीलेश को नकली चाभी देकर उससे पीड़िता के घर मैं रखें बलात्कार के अपराध से संबंधित मेडिकल दस्तावेज एवं शैक्षिक प्रमाण पत्र आदि की चोरी करवाया।इस मामले में सरगना निखिल चंद्राकर और उसके दो साथी निलेश सरवैया औऱ गणेश वर्मा उर्फ गोलू पर धारा 454, 380, 120 बी जैसी गंभीर धाराओं में पुलिस ने FIR करी थी और पुलिस की एक विशेष टीम द्वारा गणेश वर्मा उर्फ गोलू औऱ निलेश सरवैया को गिरफ्तार किया गया।
पुलिस चार दिन थाने में रखकर दोनों चोरों से पूछताछ करती है और फिर जैसे ही निखिल की पत्नी तलविंदर चंद्राकर उर्फ चिक्की चंद्राकर को खबर लगती है कि निखिल के बलात्कार मामले के सबूत मिटाने वाले दो चोरों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है तो तलविंदर चंद्राकर थाने जा धमकती है औऱ उसके थाने धमकते ही पुलिस तत्काल थाने से ही बिना गिरफ्तारी बनाएं आरोपियों को कोर्ट में न पेश करते हुए उन दोनों चोरों को थाने से ही रिहा कर देती है।सूत्रों के मुताबिक दोनों चोरों की थाने से रिहाई आरोपी निखिल चंद्राकर की पत्नी तलविंदर चंद्राकर उर्फ चिक्की के दबाव में की गई ।यह मामला केवल पुलिस की नाकामी नहीं बल्कि भाजपा शासन में महिला सुरक्षा के दावों की भी पोल खोलता है।
पीड़िता के जिस घर से चोरी करवाई गई थी वह घर आज दिनांक तक सामान सहित तलविंदर चंद्राकर उर्फ चिक्की चंद्राकर द्वारा गुंडागर्दी पूर्वक अवैध कब्जा करके रखा गया है, जिसकी एफ आई आर करवाने औऱ अपने सामान को तलविंदर चंद्राकर उर्फ चिक्की के कब्जे से छुड़ाने के लिए आज दिनांक तक 2 साल से पीड़िता थाना खम्हारडीह के चक्कर लगा रही है लेकिन इस मामले में आज तक पुलिस द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई।यह साफ तौर पर दिखता है कि तलविंदर चंद्राकर कितनी प्रभावशाली महिला है कि पुलिस भी आज तक तलविंदर द्वारा पीड़िता के घर पर गुंडागर्दी पूर्वक गैरकानूनी कब्जा करने वाले प्रकरण पर एफ आई आर नहीं कर सकी है।
महिलाओं की सुरक्षा पर यह बड़ा सवाल है। छत्तीसगढ़ में यह मामला पुलिस विभाग की कार्यशैली और महिला सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े करता है। प्रदेश में महिलाएं किस हद तक सुरक्षित हैं यह घटना इसकी भयावह तस्वीर प्रस्तुत करती है।इन दो आरोपियों को गिरफ्तार करने में 2 साल लगे।इस दौरान पीड़िता को कई बार थाने के सैकड़ों चक्कर काटने पड़े और वरिष्ठ अधिकारियों को ढाई हजार से अधिक पत्र लिखने पड़े बावजूद इसके गिरफ्तारी के चार दिन बाद ही आरोपियों को थाने से ही रिहा करना पड़ा।पीड़िता द्वारा थाना तेलीबांधा पर तलविंदर चंद्राकर उर्फ चिक्की के खिलाफ जानलेवा हमले की शिकायत की गई थी, लेकिन आज दिनांक तक उस मामले में कोई कार्यवाही नहीं की गई है।इस मामले में तेलीबांधा पुलिस की लापरवाही और असफलता के कारण पीड़िता को न्याय नहीं मिला है।