रायपुर: छत्तीसगढ़ की नई सरकार धर्मांतरण पर कड़े कानून बनाने जा रही हैं। विधानसभा में बिल पेश किया जाएगा। खबर है, सरकार ने इसका ड्रॉफ्ट तैयार कर लिया है। इसमें साफ किया गया है कि धर्म परिवर्तन की इच्छा रखने वाले व्यक्ति को कम से कम 60 दिन पहले एक फॉर्म में अपनी व्यक्तिगत जानकारी देते हुए उसे कलेक्टर के पास जमा करना होगा।
आवेदन के बाद जिला मजिस्ट्रेट पुलिस से धर्मांतरण के वास्तविक इरादे, कारण और उद्देश्य का आकलन कराने के बाद अनुमति मिलेगी बताते हैं कि ‘छत्तीसगढ़ गैरकानूनी धार्मिक रूपांतरण निषेध विधेयक’ को विधानसभा में पेश करने की तैयारी हो चुकी है।
ड्रॉप्ट में इस बात का जिक्र होने की खबर है कि धर्मांतरण करने वाले को ही नहीं, बल्कि धर्मांतरण कराने वाले व्यक्ति को भी एक फॉर्म भरकर जिलाधिकारी के पास जमा करना होगा। ड्रॉफ्ट में बलपूर्वक,अनुचित प्रभाव डालकर, प्रलोभन देकर या किसी कपटपूर्ण तरीके से या फिर विवाह द्वारा एक धर्म से दूसरे धर्म में रूपांतरण नहीं किया जा सकेगा। अगर इसकी जानकारी जिलाधिकारी को मिलती है तो वह इस धर्मांतरण को अवैध घोषित करेगा। इतना ही नहीं, धर्मांतरण करने वाले हर व्यक्ति का पंजीकरण जिलाधिकारी के पास रहेगा।
10 साल की सजा और जुर्माना
खबर के मुताबिक इसमें कहा गया है कि धर्मातरण पर आपत्ति की स्थिति में धर्म परिवर्तन करने वाले व्यक्ति से रक्त या गोद लेने संबंधी जुड़ा हुआ व्यक्ति इसके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करा सकता है। यह केस गैर-जमानती होगा और यह सत्र अदालत द्वारा सुनवाई योग्य होगी।
कोर्ट धर्म परिवर्तन के पीड़ित को 5 लाख रुपए तक का मुआवजा मंजूर कर सकता है। नाबालिग, महिलाओं या अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति के लोगों का अवैध रूप से धर्म परिवर्तन कराने वालों को कम-से-कम दो साल और अधिकतम 10 साल की जेल हो सकती है। इसके साथ ही उस पर कम-से-कम 25000 रुपए का जुर्माना भी लगेगा। सामूहिक धर्म परिवर्तन पर कम-से- कम तीन साल और अधिकतम 10 साल की सजा और 50000 रुपए जुर्माना लगेगा।
यूपी की तर्ज पर हत्या
के विरोध ओर भारी हंगामे के बीच आरोपी सूर्यवंशी बंधुओं द्वारा शासकीय घास भूमि एवं श्मशान भूमि पर बेजा कब्जा कर कराए गए बनाए गए दो मंजिला मकान समेत पांच दुकानों पर बुलडोजर चलवाकर ढहा दिया गया। बिलासपुर में इस तरह की कार्रवाई पहली बार हुई।
सुबह करीब 8 बजे नगर निगम, प्रशासन की टीम दलबल के साथ खमतराई पहुंच गई, यहां दो बुलडोजर के माध्यम से ढहाने की कार्रवाई शुरू हुई। इस दौरान सूर्यवंशी परिवार के लोगों द्वारा विरोध एवं भारी हंगामा भी मचाया गया, लेकिन पुलिस बल की उपस्थिति में उनकी एक नहीं चली और एक-एक करके दो मंजिला मकान समेत पांच दुकानों को ढहाकर दिया गया।
बेजा कब्जा के खिलाफ तोड़फोड़ की कार्रवाई के चलते मौके पर लोगों की भीड़ लग गई थी। आज कार्रवाई के दौरान सीएसपी पूजा कुमार, नगर निगम भवन शाखा अधिकारी सुरेश शर्मा, जोन कमिश्नर संदीप श्रीवास्तव, निगम के उप अभियंता जुगलकिशोर सिंह, अतिक्रमण शाखा प्रभारी प्रमिल शर्मा सहित बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा।
ये है मामला
14 फरवरी की रात खमतराई अटल चौक में पंकज उपाध्याय और प्रेम दीपक ऊर्फ कल्लू का आरोपी सूर्यवंशी बधुंओं से विवाद हो गया था। यह विवाद सड़क पर फैले बिल्डिंग मटेरियल को लेकर हुआ था और पंकज ने सड़क पर बिल्डिंग मटैरियल फैलाकर रखने का विरोध किया था, जिसे लेकर तिलकेश्वर ऊर्फ सल्लू सूर्यवंशी, गोपी सूर्यवंशी, शिव सूर्यवंशी व ईश्वरी सूर्यवंशी ने उन पर हमला कर दिया था।
आरोपी पंकज पर तब तक हमला करते रहे जब उसकी मौत नहीं हो गई, वहीं उसका साथी प्रेम दीपक गंभीर रूप से घायल हो जिसका उपचार चल रहा है। इस घटना का सीसीटीवी फुटैज वाला वीडियो भी वायरल हुआ था। इस मामले में पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपियों को गिरफ्तार जेल भेज दिया है।
एक और मकान तोड़ा जाएगा
जोन क्रमांक सात ननि के जोन कमिश्नर संदीप श्रीवास्तव ने बताया कि ,खमतराई अटल चौक के पास शासकीय घास भूमि एवं श्मशान भूमि पर बेजा कब्जा किया गया था और शासकीय भूमि पर मकान, दुकान का निर्माण कराया गया था। इस मामले में पहले नोटिस जारी कर अतिक्रमण हटाने कहा गया था, उसके बाद आज कार्रवाई करते हुए दोमंजिला मकान सहित दुकानों को ढहा दिया गया है। वहीं उसके पीछे एक और मकान है, जिसके लिए नोटिस जारी किया गया है।
घर वापसी पर लागू नहीं होगा कानून
इन पूरे मामलों में यह साबित करने का भार कि धर्मातरण अवैध नहीं था, धर्मांतरण कराने वाले व्यक्ति पर होगा। यह कानून उन लोगों पर लागू नहीं होता जो अपने पिछले धर्म में आने के लिए दोबारा धर्म परिवर्तन करना चाहते हैं यानी घर वापसी करने वाले लोगों पर यह कानून लागू नहीं होगा।