नई दिल्ली : सऊदी अरब सरकार ने हज या उमरा करने वाली महिलाओं के लिए महरम की अनिवार्यता खत्म कर दी है। अब कोई भी महिला बिना महरम ( पुरुष साथी ) के हज या उमरा करने के लिए सऊदी अरब जा सकती है। सऊदी अरब के हज और उमरा मंत्री डॉ. तौफीक बिन फौजान अल-राबिया ने इसकी घोषणा की है।
हज मंत्री के पूर्व सलाहकार रहे फतेह इब्राहिम हुसैन के मुताबिक यह फैसला देश में महिलाओं की मौजूदा सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए लिया गया है। देश में परिवहन के साधनों के साथ-साथ सुरक्षा भी बढ़ा दी गई है, इसलिए महिलाओं का यहां आना आसान हो गया है।
ऐसी कई महिलाएं हैं जो बिना महरम (गार्जियन) के काम करने के लिए सऊदी अरब आती हैं। उनके साथ यहां कोई दुर्घटना नहीं हुई है। महिलाओं को कोई खतरा नहीं है क्योंकि इसके पीछे कोई कारण अब मौजूद नहीं है।
जानिए कौन होता है महरम
इस्लाम के मुताबिक महरम परिवार का एक सदस्य होता है जिसके साथ विवाह को इस्लाम में अवैध माना जाता है। यानी वह पुरुष जिसके साथ रहते हुए महिला को पर्दा करना या शरीर को हिजाब से ढंकने की जरूरत नहीं होती। महिला के पति को भी महरम में शामिल किया गया है।
भारत सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, इस साल लगभग 80 हजार भारतीय मुसलमान हज करने के लिए सऊदी अरब जाएंगे। इनमें 50% संख्या महिलाओं की है। 2019 में सबसे ज्यादा दो लाख भारतीय मुसलमान हज के लिए मक्का गए थे।