सावन माह भगवान भोलेनाथ का प्रिय महीना माना जाता है। इस दौरान शिवजी के भक्त उज्जैन के महाकाल मंदिर में दर्शन करने जाते हैं। शिप्रा नदी के किनारे बसे शहर उज्जैन में बाबा महाकाल का मंदिर स्थापित है।
इसलिए इस नगरी को महाकाल की नगरी भी कहा जाता है। महाकाल मंदिर देवों के देव महादेव को समर्पित सबसे लोकप्रिय हिंदू मंदिरों में से एक है। इसे शिव का सबसे पवित्र मंदिर माना जाता है। सावन-भादौ माह में महाकाल मंदिर में श्रद्धालुओं का जमावड़ा लगता है।
लाखों श्रद्धालु इस महीने में महाकाल के दर्शन करने आते हैं। इसलिए सावन महीने की शुरुआत होने से पहले ही उज्जैन के महाकाल मंदिर में तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। बता दें कि इस साल 22 जुलाई 2024 से सावन महीने की शुरुआत होगी और 19 अगस्त 2024 को समाप्त होगा।
महाकाल की नगरी उज्जैन में पहुंचने वाले लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ को ध्यान में रखते हुए मंदिर समिति द्वारा कुछ महत्वपूर्ण फैसले लिए गए हैं।
मंदिर में सुरक्षा, सुविधा और व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए श्रद्धालुओं को गर्भ गृह में प्रवेश नहीं मिलेगा।
शनिवार, रविवार और सोमवार को भस्म आरती की ऑनलाइन बुकिंग नहीं होगी। इसके अलावा भस्म आरती की टाइमिंग में भी बदलाव किए गए जाएंगे।
सावन में भस्म आरती की टाइमिंग : महाकालेश्वर मंदिर में सामान्य दिनों में जहां मंदिर के कपाट सुबह 4 बजे खुलते हैं। वहीं, सावन महीने में भस्म आरती की टाइमिंग में बदलाव किया गया है। बता दें कि 22 जुलाई 2024 से लेकर 2 सितंबर 2024 तक कपाट सुबह 3 बजे खुलेगा। प्रत्येक सोमवार को सुबह 2 : 30 बजे पर कपाट खुलेंगे। मंगलवार और शनिवार को सुबह 3 बजे कपाट खुलेंगे। वहीं, भस्म आरती रोजाना सुबह 3 बजे से 5 बजे तक होगी।
गर्भ गृह में नहीं मिलेगा प्रवेश : सावन माह में श्रद्धालुओं को गर्भ गृह में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी। वहीं, मीडिया पर्सन, पुजारी, पुरोहित को गेट नंबर 4 से प्रवेश दिया जाएगा। मंदिर समिति ने महाकाल मंदिर में 3 लाख से अधिक श्रद्धालुओं के दर्शन करने की उम्मीद जताई है।







