दमोह : दमोह शहर के निजी मिशन अस्पताल में लंदन के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. एनजोन केम के नाम से किसी फर्जी डॉक्टर के ऑपरेशन का आरोप लगा है। आरोप है कि दिसंबर 2024 से फरवरी 2025 के बीच हुए। इन ऑपरेशनों के बाद सात लोगों की मौत हो गई। मौतों का ये मामला अब सामने आया है। बताया गया कि मामला दो महीने से जांच में था, लेकिन इसकी जानकारी किसी को नहीं थी। राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के पूर्व अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो द्वारा किए एक पोस्ट के बाद हड़कंप मचा हुआ है।
जानकारी के अनुसार दिसंबर 2024 से फरवरी 2025 के बीच हुए इन ऑपरेशनों में सात मरीजों की मौत हुई है। आरोप है कि जिन लोगों की मौत हुई उनकी जानकारी नहीं दी जा रही है। मामले में एक मृत महिला के बेटे नबी कुरैशी ने बताया उनकी मां का ऑपरेशन हुआ, लेकिन वह जिंदा नहीं लौटी।
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उनकी मौत हो गई। पीड़ित ने कई आरोप अस्पताल प्रबंधन पर लगाए। वहीं अस्पताल प्रबंधक पुष्पा खरे का कहना है मामले की जांच चल रही है। वह इसमें कुछ नहीं बोलेंगी। उनसे जो दस्तावजे मांगे गए हैं वह उपलब्ध करा रही हैं। अस्पताल के सीएमएचओ डॉ. मुकेश जैन और डीएचओ डॉ. विक्रम चौहान की जांच में दो मौतों की पुष्टि की सूचना है।
जानकारी के अनुसार मामले का खुलासा होने के बाद आरोपी डॉ. नरेंद्र यादव फरार हो गया है। राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग ने घटना को गंभीरता से लिया है। आयोग की दो सदस्यीय टीम सोमवार को दमोह आएगी। इसकी रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। बाल कल्याण समिति अध्यक्ष दीपक तिवारी ने मानवाधिकार आयोग से शिकायत की तब मामला खुला।
दमोह के पुराना बाजार नंबर दो निवासी रहीसा बेगम (63) के बेटे नबी कुरैशी ने बताया 9 जनवरी को सीने में दर्द उठा। 10 जनवरी को जिला अस्पताल ले गए। डॉक्टरों ने निजी मिशन अस्पताल भेज दिया। आयुष्मान से इलाज होना था। मिशन अस्पताल में 50 हजार रुपये मांगे गए। बिना जांच रुपये मांगे तो मां को निजी अस्पताल में डॉ. डीएम संगतानी के यहां ले गए। उन्होंने फिर मिशन अस्पताल में भर्ती करा दिया। पांच हजार रुपये जमा किए।
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वहां कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. एन जॉन कैम ने जांच कराई। रिपोर्ट में एक नस 92 तो दूसरी 85 प्रतिशत ब्लॉक मिली। डॉ. केम ने कहा कि सर्जरी होगी। 14 जनवरी को मां को भर्ती कराया। 15 जनवरी दोपहर 12 बजे मां की सर्जरी हुई और साढ़े 12 बजे मौत हो गई। हमसे डॉक्टर ने कहा कि सर्जरी के दौरान दूसरा हार्ट अटैक आया था। 15 दिन बाद जांच रिपोर्ट दी। पहले हमने सामान्य मौत माना, अब लग रहा है बड़ी गड़बड़ी हुई है।
अभी तक जांच टीम नहीं आई
इस मामले में रोचक बात यह है कि स्वास्थ्य विभाग की ओर से दो मौत की पुष्टि की जा रही है। इसमें एक नबी कुरैशी की मां भी शामिल है। पीड़ित बेटे नबी ने बताया कि अभी तक उनके पास कोई भी जांच अधिकारी किसी भी प्रकार की पूछताछ के लिए नहीं पहुंचा है। मीडिया के माध्यम से उन्हें इस बात की जानकारी लगी है कि मिशन अस्पताल में इतना बड़ा कांड हुआ है। उनकी मां की मौत भी उसी डॉक्टर के द्वारा हुई है, जांच टीम को उनके पास आकर जानकारी लेनी थी, लेकिन आज भी कोई अधिकारी उनके पास नहीं पहुंचा।
बोलने से बच रहे जिम्मेदार
कलेक्टर सुधीर कोचर बोले कि मामले की जांच चल रही है। वहीं मिशन अस्पताल प्रबंधक पुष्पा खरे का कहना है कि जांच चल रही है वह इसमें कुछ नहीं बोल पाएंगी। सीएमएचओ डॉ. मुकेश जैन से बात की गई तो उन्होंने भी कहा कि अभी वह इस मामले में कुछ नहीं कहेंगे, क्योंकि मामले की जांच चल रही है।