शहीद वीर नारायण सिंह संग्रहालय बनेगा आदिवासियों के गौरव, शौर्य एवं बलिदान का प्रतीक

0
66
शहीद वीर नारायण सिंह संग्रहालय बनेगा आदिवासियों के गौरव, शौर्य एवं बलिदान का प्रतीक

रायपुर, 18 जुलाई 2025 : आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति विकास विभाग के प्रमुख सचिव सोनमणि बोरा ने आज नवा रायपुर स्थित आदिम जाति अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान के समीप बन रहे आदिवासी स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों पर आधारित शहीद वीर नारायण सिंह संग्रहालय की प्रगति की समीक्षा की।

उन्होंने कहा कि यह संग्रहालय प्रदेश का पहला संग्रहालय है, जो छत्तीसगढ़ के आदिवासी स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के अदम्य शौर्य एवं बलिदान को समर्पित है। इसके निर्माण कार्य में किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं होनी चाहिए। संग्रहालय का निर्माण 30 सितंबर तक पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है।

इसे भी पढ़ें :-बालिकाओं को आत्मरक्षा और सिलाई का प्रशिक्षण : ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ बना महिला सशक्तिकरण की मिसाल

उन्होंने समीक्षा के दौरान इसके सभी गैलरियों में और बेहतर बनाने के लिए आवश्यक सुझाव दिए और समय-सीमा में कार्य संपन्न करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि संग्रहालय के निर्माण में लगने वाली प्रत्येक सामग्री उच्च गुणवत्तायुक्त एवं मानकीकृत हो।

उन्होंने मध्यप्रदेश, ओडीशा एवं झारखंड राज्य में निर्मित संग्रहालयों का भी अवलोकन कर इसकी विशेषताओं का अध्ययन करने को कहा। जिससे इस संग्रहालय में सभी आधारभूत विषयों एवं ऐतिहासिक तथ्यों विशेष रूप से ध्यान दिया जा सके।

उल्लेखनीय है कि शहीद वीर नारायण सिंह संग्रहालय में स्वतंत्रता आंदोलन के समय छत्तीसगढ़ में हुए विभिन्न आदिवासी विद्रोहों जैसे- हल्बा विद्रोह, सरगुजा विद्रोह, भोपालपट्टनम विद्रोह, परलकोट विद्रोह, तारापुर विद्रोह, लिंगागिरी विद्रोह, कोई विद्रोह, मेरिया विद्रोह, मुरिया विद्रोह, रानी चौरिस विद्रोह, भूमकाल विद्रोह, सोनाखान विद्रोह, झण्डा सत्याग्रह एवं जंगल सत्याग्रह के वीर आदिवासी नायकों के संघर्ष एवं शौर्य के दृश्य का जीवंत प्रदर्शन किया जा रहा है।

बैठक में टीआरटीआई के संचालक जगदीश कुमार सोनकर, उपसचिव बी.के.राजपूत, उपायुक्त मती गायत्री नेताम, कार्यपालन यंत्री त्रिदीप चक्रवर्ती, सहित इंजीनियर्स एवं अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here