नयी दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने श्रद्धा वालकर हत्या मामले की जांच दिल्ली पुलिस से लेकर केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपे जाने का आग्रह करने वाली एक जनहित याचिका मंगलवार को खारिज करते हुए उसे ‘प्रचार हित याचिका’ बताया। अदालत ने याचिकाकर्ता पर जुर्माना भी लगाया लेकिन जुर्माना राशि नहीं बतायी।
मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रह्मण्यम प्रसाद की पीठ ने कहा कि यह प्रचार हित याचिका है तथा याचिका में एक भी सही आधार नहीं है। दिल्ली पुलिस की ओर से पेश हुए स्थायी वकील (अपराध) संजय लाओ ने कहा कि मामले में 80 फीसदी जांच पूरी हो गयी है और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के दल के साथ ही 200 पुलिसकर्मी जांच में लगे हुए हैं।
सुनवाई की शुरुआत में पीठ ने याचिकाकर्ता के वकील से मामले के स्थानांतरण का अनुरोध करने की वजह पूछी। अदालत ने कहा, ‘‘हमें एक ठोस वजह बताएं। पीड़िता के माता-पिता ने कोई शिकायत नहीं की है। आप अजनबी हैं। एक खास कारण से आपने यह याचिका दायर की है।’’
याचिकाकर्ता जोशिनी तुली की ओर से पेश हुए वकील जोंिगदर तुली ने कहा कि जिन स्थानों से शव के टुकड़े बरामद हुए हैं वहां मीडिया और लोगों की मौजूदगी के कारण सबूतों से छेड़छाड़ हुई। इस पर पीठ ने कहा कि वह ‘‘निगरानी एजेंसी’’ नहीं है और अदालत, पुलिस द्वारा की जा रही जांच की निगरानी नहीं करेगी।
अदालत ने कहा, ‘‘यह प्रचार हित याचिका है। आप एक दर्शक हैं। पुलिस अपनी जांच कर रही है। हम जांच की निगरानी नहीं करते। हमें पुलिस की जांच पर संदेह क्यों करना चाहिए।’’ अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल चेतन शर्मा ने भी कहा कि याचिकाकर्ता यह नहीं बता सकती कि जांच कैसे की जाए या कैसे की जानी चाहिए।
जब याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि उन्हें यकीन है कि अगर पुलिस को इस तरीके से जांच करने दी गयी तो मामले में दोषी बरी हो जाएगा तो इस पर पीठ ने कहा, ‘‘आप न्यायाधीश हैं?’’ याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि दिल्ली पुलिस ने अपनी जांच के हर कदम पर मीडिया को हर जानकारी बतायी तथा कानून में इसकी मंजूरी नहीं है।
आफताब को 12 नवंबर को दिल्ली पुलिस ने दक्षिणी दिल्ली के महरौली इलाके में किराये के अपने फ्लैट में श्रद्धा की हत्या करने के आरोप में गिरफ्तार किया था। पुलिस ने कहा था कि आफताब ने श्रद्धा की गला घोंटकर हत्या की तथा उसके शव के करीब 35 टुकड़े किए जिसे उसने घर पर 300 लीटर के फ्रिज में लगभग तीन सप्ताह तक रखा और फिर उन्हें अलग अलग इलाकों में कई दिनों तक फेंकता रहा।
पुलिस ने बताया कि दोनों के बीच वित्तीय मुद्दों को लेकर आए दिन झगड़ा होता था। ऐसा संदेह है कि दोनों के बीच झगड़ा होने पर ही पूनावाला ने 18 मई की शाम को 27 वर्षीय श्रद्धा वालकर की हत्या कर दी थी।