बेंगलुरु: केंद्र सरकार पर कर्नाटक के साथ ‘अन्याय’ करने का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने कहा कि पिछले चार वर्ष में राज्य को 45,000 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि सात फरवरी को दिल्ली में होने वाला राज्य की कांग्रेस सरकार का प्रदर्शन भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के खिलाफ नहीं, बल्कि केंद्र सरकार के ‘अन्याय’ के खिलाफ है।
मुख्यमंत्री की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब सिद्धरमैया समेत राज्य के सभी कांग्रेस विधायक और सांसद कर्नाटक के साथ कर अंतरण और सहायता अनुदान के संबंध में केंद्र के कथित अन्याय के खिलाफ सात फरवरी को नयी दिल्ली में विरोध प्रदर्शन करेंगे।
‘कर अंतरण’ केंद्र सरकार और राज्य सरकार के बीच राजस्व वितरण को संर्दिभत करता है। सिद्धरमैया ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘सात फरवरी को सभी मंत्री, सांसद और विधानमंडल के दोनों सदनों के सभी सदस्य 15वें वित्त आयोग से कर्नाटक के साथ हुए अन्याय और केंद्र से अनुदान समेत राज्य से जुड़े कई अन्य मुद्दों को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने जा रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि प्रदर्शन राष्ट्रीय राजधानी में जंतर मंतर पर किया जाएगा।
सिद्धरमैया ने राज्य के भाजपा सांसदों से भी इसमें भाग लेने का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘संघर्ष भाजपा और कांग्रेस के बीच या भाजपा के खिलाफ नहीं है। यह कर्नाटक से हो रहे अन्याय के खिलाफ है।’’ उन्होंने यह भी दावा किया कि कन्नड़ लोगों द्वारा दिया गया कर राज्य के मुश्किल वक्त में काम नहीं आया और यह पैसा उत्तरी राज्यों के पास जा रहा है।
सिद्धरमैया ने रविवार को कहा, ‘‘15वें वित्त आयोग के बाद कर्नाटक को कर अंतरण हिस्सेदारी में कमी के कारण कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा है, जिससे पिछले चार वर्ष में राज्य को 45,000 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है। यह अन्याय बर्दाश्त नहीं हो सकता।’’
उन्होंने ‘एक्स’ पर ‘साउथ टैक्स मूवमेंट’ हैशटैग के साथ एक पोस्ट में कहा, ‘‘हम अपने राज्य की भलाई के लिए कन्नड़ भाषियों के साथ उचित व्यवहार और न्याय की मांग करते हैं।’’ मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘दक्षिणी राज्यों द्वारा दिए गए कर के ऋणी उत्तरी राज्य कभी हमारे लिए आदर्श नहीं हो सकते। हर किसी को इस मिथ्या विचार से उबरना चाहिए।
कठिन परिश्रम से मजबूत राष्ट्र का निर्माण कर रहा कर्नाटक भारत के लिए एक आदर्श है।’’ सिद्धरमैया ने आरोप लगाया कि विपक्षी दल भाजपा के पास 27 सांसद (एक निर्दलीय और एक जनता दल (सेक्यूलर) समेत) होने के बावजूद उन्होंने संसद में या सरकार के सामने ‘‘अपना मुंह नहीं खोला है।’’ उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार में कर्नाटक का प्रतिनिधित्व कर रहे मंत्रियों ने भी राज्य की ंिचताओं को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से बात नहीं की है।