Soumya Viswanathan Murder Case : साकेत की कोर्ट ने पांचों आरोपियों को दोषी करार दिया

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Soumya Viswanathan Murder Case : साकेत की कोर्ट ने पांचों आरोपियों को दोषी करार दिया

Soumya Viswanathan Murder Case : साल 2008 में टीवी जर्नलिस्ट सौम्या विश्वनाथन की हत्या के मामले में साकेत कोर्ट ने सभी 5 आरोपियों को दोषी करार दिया है. कोर्ट ने रवि कपूर, अमित शुक्ला, बलजीत मलिक, अजय कुमार और अजय सेठी को दोषी माना. इस मामले की अगली सुनवाई 26 अक्‍टूबर को होगी.

उसी दिन पांचों दोषियों के लिए सजा का ऐलान हो सकता है. सभी दोषियों को मकोका, हत्या और लूट में दोषी करार दिया गया है. साथ ही अजय सेठी को दोषियों की मदद करने और मकोका (MCOCA) में दोषी करार दिया गया है.

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प्राप्त जानकारी के अनुसार, 15 साल पहले 2008 को सौम्या विश्वनाथन की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. सौम्या विश्वनाथन 30 सितंबर, 2008 की देर रात करीब 3:30 बजे अपनी कार से घर लौट रही थीं. उसी दौरान उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. पुलिस ने दावा किया था कि उनकी हत्या का मकसद लूटपाट था. हत्या के आरोप में पांच लोगों रवि कपूर, अमित शुक्ला, बलजीत मलिक, अजय कुमार और अजय सेठी को गिरफ्तार किया गया, सभी आरोपी मार्च 2009 से हिरासत में हैं. पुलिस ने आरोपियों पर मकोका भी लगाया था.

फैसले के बाद मीडिया से बात करते हुए सौम्या की मां ने कहा, “हमने अपनी बेटी खो दी, लेकिन यह दूसरों के लिए एक सबक के रूप में काम करेगा.’ उन्होंने कहा कि वह दोषियों के लिए उम्रकैद चाहती हैं.

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इस मामले में पुलिस को अहम सुराग तब मिला, जब वह आईटी प्रोफेशनल जिगिशा घोष की हत्या की जांच कर रही थी. जिगिशा घोष जर्नलिस्ट सौम्या विश्वनाथन की हत्या के महीनों बाद फरीदाबाद में मृत पाई गई थीं.

आईटी अधिकारी की मौत के मामले में कपूर, शुक्ला और मलिक को गिरफ्तार किया गया था. पूछताछ के दौरान पुलिस को इनके तार वसंत विहार हत्याकांड से जुड़े मिले. इसके बाद दो और आरोपियों को गिरफ्तार किया गया. 2009 में दायर अपनी 620 पेज की चार्जशीट में दिल्ली पुलिस ने कहा था कि हत्या के पीछे का मकसद डकैती थी.

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सीनियर पुलिस ऑफिसर एचजीएस धालीवाल ने कहा था, “उन पर हत्या, सबूत मिटाने, जालसाजी और आपराधिक साजिश के तहत आरोप लगाए गए हैं. सभी 5 आरोपियों के खिलाफ मकोका भी लगाया गया है.” आज दोपहर फैसले के बाद सीनियर पुलिस ऑफिसर ने सौम्या विश्वनाथन की मां को गले लगाया.

बता दें कि मकोका, पहली बार मुंबई में अधिनियमित किया गया था. 2002 में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इसका दायरा दिल्ली तक बढ़ा दिया था.

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