रायपुर : आज हम सीखने की प्रभावशाली विधियां के बारे में पढ़ेंगे। वैसे तो अधिगम का मतलब होता है सीखना। जिसे अंग्रेजी में लर्निंग कहा जाता है। हर मनुष्य हर क्षण कुछ न कुछ सीखते ही रहता है। चाहे वह खेलते वक्त हो, चाहे वह कहीं जा रहा हो या किसी से बात कर रहा हो। सीखने के पांच आयाम हैं। सकारात्मक दृष्टिकोण और धारणाएं, ज्ञान प्राप्त करना और एकीकृत करना, ज्ञान का विस्तार और परिष्कृत करना, ज्ञान का सार्थक उपयोग करना और उत्पादक है।
आकांक्षी जिला प्रोग्राम के तहत नीति आयोग की सहयोगी संस्था पीरामल फाउंडेशन व शिक्षा विभाग के संयुक्त तत्वाधान में जिले के महासमुंद एवं बागबाहरा ब्लाक के 24 शासकीय स्कूलों के कक्षा 6 वीं से 9 वीं के नामांकित छात्र-छात्राओं को प्रौद्योगिकी के माध्यम से सिखाने एवं स्टूडेंट लर्निंग आउटकम में सुधार हेतु हिन्दी, अंग्रेजी एवं गणित में अपनी दक्षता एवं शिक्षा के स्तर में सुधार के लिए माइंडस्पार्क एप को स्कूल एवं घर पर महत्वपूर्ण टूल के रूप में दिया गया है।
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साथ ही स्कूल में भी प्रत्येक शनिवार (बेगलेस डे) को संस्था की टीम द्वारा स्कूलों में बच्चों को आईसीटी लेब के माध्यम से माइंडस्पार्क ऐप वेब ब्राउजर के द्वारा पढ़ने हेतु प्रेरित किया जा रहा है। बच्चें अपनी सुविधानुसार समय पर इसका उपयोग कर पढ़ रहे है। वे अपनी बुनियादी शिक्षा और बौद्धिक क्षमता भी बढ़ा रहे है।
माइंडस्पार्क से बच्चों को लगातार पढ़ाई सुनिश्चित करने गांव में शिक्षित युवाओं को बच्चों की बुनियादी शिक्षा और बौद्धिक क्षमता को बढ़ाने के लिए सेवा भाव से कार्य करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।
पीरामल टीम द्वारा स्कूलों में समर छुट्टियों के दौरान बच्चों को ऐप के द्वारा उनकी निरंतर पढ़ाई को सुनिश्चित कराने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। कोविड-19 में बच्चों की बुनियादी शिक्षा का स्तर कम हो गया है। उसके सुधार के लिए बच्चों को माइंडस्पार्क ऐप को स्कूल एवं घर पर महत्वपूर्ण टूल के रूप में उपयोग हेतु प्रेरित किया जा रहा है।
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माइंडस्पार्क एप की निरंतर उपयोग पढ़ाई से बच्चों की पढ़ाई और समझने की शक्ति में इजाफ़ा हुआ है। याद करने की शक्ति में भी दिख रही है। माइंडस्पार्क एक एआई. संचालित व्यक्तिगत अनुकूली ऑनलाइन मैथ्स लर्निंग प्लेटफॉर्म है जो प्रभावी रूप से छात्रों को आगे बढ़ने गति दे रहा है।
जिले के महासमुंद एवं बागबाहरा ब्लाक के 24 शासकीय स्कूलों के कक्षा 6 वीं से 9 वीं के लगभग 1030 नांमाकित विद्यार्थी इस ऐप का उपयोग कर रहे है। शिक्षा विभाग एवं सकुल समन्वयको, शिक्षको एवं पीरामल फाउंडेशन की टीम के सामुहिक प्रयास से बच्चों को माइंडस्पार्क ऐप को उपयोग करना सुनिश्चित किया जा रहा है।
ऐप में बच्चों को आने वाली दिक़्क़त और समस्याओं का समाधान टीम द्वारा तत्काल किया जा रहा है। बच्चों के शिक्षा स्तर में पहले से और बेहतर परिवर्तन देखने मिल रहा है। समय-समय पर कलेक्टर निलेश कुमार क्षीरसागर एवं सीईओ जिला पंचायत एस. आलोक पीरामल फाउंडेशन की टीम के साथ बैठक कर जानकारी लेते है और ज़रूरी निर्देश भी दिए जाते है।