छत्तीसगढ़ में हरियाली को बढ़ाने विशेष अभियान

0
205
Special campaign to increase greenery in Chhattisgarh

रायपुर, 13 जून 2024 : छत्तीसगढ़ में हरियाली को बढ़ाने एवं वन संवर्धन के लिए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की मंशा के अनुरूप तथा वन एवं जलवायु परितर्वन मंत्री केदार कश्यप के निर्देशानुसार वन विभाग द्वारा तैयारियां जोरों पर है। इसके तहत राज्य में वर्ष 2024 वर्षा ऋतु में विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत वृहद पैमाने पर 03 करोड़ 93 लाख 28 हजार पौधों के रोपण एवं वितरण का कार्य किया जाएगा।

प्रधान मुख्य वनसंरक्षक एवं वनबल प्रमुख व्ही. श्रीनिवास राव ने बताया कि इसके तहत विभागीय योजनांतर्गत 3927 हेक्टेयर तथा 57 किलोमीटर में 38 लाख 68 हजार पौधे, मनरेगा योजना के अंतर्गत 11 किलोमीटर में 4 हजार 900 पौधे, कैम्पा मद के अंतर्गत 2251 हेक्टेयर में 19 लाख 18 हजार पौधे तथा अन्य योजनांतर्गत 238 हेक्टेयर में 8 लाख 63 हजार पौधों के रोपण से राज्य हरितिमा से आच्छादित होगा।

इसे भी पढ़ें :-J&K : एक्शन में PM Modi…आतंकियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के दिए निर्देश

उल्लेखनीय है कि इस वृहद वृक्षारोपण अंतर्गत 28 लाख 51 हजार फलदार पौधे, जिसमें आम, जामुन, बेल, कटहल, सीताफल, अनार, शहतूत, बादाम, बेर, तेंदू, गंगा ईमली आदि प्रजाति के पौधों का रोपण किया जाएगा, जिससे वनों में रहने वाले वन्यप्राणियों को सुलभता से आहार प्राप्त हो सके तथा वन्यप्राणी एवं मानव-द्वंद पर नियंत्रण किया जा सके।

इसी क्रम में 49 लाख 36 हजार लघु वनोपज एवं वनौषधि पौधे जैसे पुत्राजीवा, काला सिरस, सिंदूरी, गरूड़, रीठा, चित्राक, एलोविरा, गिलोय, अडूसा, अश्वगंधा, सर्पगंधा, तुलसी, छोटा करोंदा आदि प्रजाति तथा 24 लाख 71 हजार बांस के पौधों का रोपण एवं वितरण किया जाएगा, जिससे वनों पर आश्रित आदिवासियों एवं आमजनों को इससे सुलभ रोजगार उपलब्ध हो सके।

इसे भी पढ़ें :-मुख्यमंत्री अपने निवास कार्यालय में कर रहे हैं कृषि एवम उद्यानिकी विभाग की समीक्षा

इसी तरह नदी तट रोपण के तहत विगत वर्षों की भांति आगामी वर्षाऋतु में भी प्रदेश की हसदेव, महानदी, कुशमाहा, सासू, तेतरिया, बाकी, बोडा झरिया, चनान, रेड़, कोखवा, कन्हर, बनास, जमाड़ नदियों के तटों पर 534 हेक्टेयर रकबा में लगभग 5 लाख 87 हजार पौधों का रोपण किया जाएगा, जो न सिर्फ मृदा कटाव को रोकेगा साथ ही छायादार, फलदार एवं अन्य बहुउद्देश्यों की पूर्ति भी भविष्य में स्थानीय नागरिकों की आवश्यकता के अनुरूप करेगा।

वहीं प्रदेश के मार्गों के किनारे हरियाली को बढ़ाने की दृष्टि से सड़क किनारे वृक्षारोपण अंतर्गत 121 किलोमीटर लम्बाई में 72 हजार 100 पौधों का रोपण भी किया जाएगा। यह वृहद वृक्षारोपण न सिर्फ वनक्षेत्र के अंदर होंगे अपितु वनक्षेत्र के बाहर निजी एवं शासकीय भूमियों जैसे- आंगनबाड़ी, पुलिस चौंकी, उद्यान, अस्पताल, शमशान, शासकीय परिसर, आदि स्थानों में भी किया जाएगा।

मुख्यमंत्री साय तथा वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री कश्यप के निर्देशों पर विभाग द्वारा अनूठी पहल करते हुए किसान वृक्ष मित्र योजना अंतर्गत हितग्राहियों के निजी भूमि पर वाणिज्यिक प्रजातियों के वृक्षारोपण, आई.टी.सी. आधारित पेपर मिल, सहयोगी संस्था, निजी कम्पनियों की सहभागिता की स्थिति में उक्त प्रजातियों के वृक्षों का वापस खरीद सुनिश्चित करना है।

इसे भी पढ़ें :-मुख्यमंत्री अपने निवास कार्यालय में कर रहे हैं कृषि एवम उद्यानिकी विभाग की समीक्षा

साथ ही चयनित प्रजातियों के लिए प्रति वर्ष न्यूनतम क्रय मूल्य का निर्धारण करते हुए उनकी आय में बढ़ोत्तरी करना, काष्ठ एवं प्लाईवुड आधारित उद्योगों को बढ़ावा देते हुए अतिरिक्त कर के रूप में शासन के राजस्व में वृद्धि लाना, रोजगार सृजन करना, वृक्षारोपण कार्य में सहयोगी संस्थाओं की सहभागिता से शासन के वित्तीय भार को कम करना है।

राज्य में किसान वृक्ष मित्र योजनांतर्गत कुल 28921 कृषकों की निजी भूमियों पर 43423 एकड़ रकबा में 2 करोड़ 77 लाख 66 हजार 611 पौधों का रोपण किया जाएगा जिसमें से प्रदेश में 29051 एकड़ क्षेत्र में 2 लाख 30 क्लोनल नीलगिरी एवं 367 एकड़ क्षेत्र में 1 लाख 54 हजार 973 टिश्यू कल्चर बांस एवं 390 एकड़ 2 लाख 37 हजार 798 साधारण बांस, 4073 एकड़ में 9 लाख 82 हजार 207 टिश्यू कल्चर सागौन, 7944 एकड़ में 29 लाख 12 हजार 474 साधारण सागौन, 1090 एकड़ में 1 लाख 73 हजार 165 चन्दन पौधे, 385 एकड़ में 1 लाख 58 हजार 667 मिलिया डूबिया पौधों का रोपण किया जाएगा।

इसे भी पढ़ें :-मुख्यमंत्री अपने निवास कार्यालय में कर रहे हैं कृषि एवम उद्यानिकी विभाग की समीक्षा

वन एवं जलवायु परितर्वन मंत्री केदार कश्यप द्वारा प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख, व्ही. श्रीनिवास राव को वृक्षारोपणों के सतत् अनुश्रवण एवं मूल्यांकन के निर्देश दिए गए हैं। रोपित किये गये पौधों की सतत सुरक्षा कड़ाई से करने के निर्देश प्रसारित किये गये हैं तथा भविष्य में इन रोपणों का अंतरवृत्तीय मूल्यांकन किया जाकर आवश्यक कार्यवाही विभाग द्वारा की जाएगी।

इस प्रकार वन विभाग विभिन्न संस्थानों, गैर सरकारी संगठनों, ग्राम पंचायतों, स्वयं सेवी संस्थानों, स्कूल एवं महाविद्यालयों के छात्र-छात्राओं, एवं गणमान्य नागरिकों के सामूहिक प्रयासों से आगामी वर्षाऋतु में हरियाली को बढ़ावा देने के लिए वृहद वृक्षारोपण प्रदेशभर में किया ही जाएगा, भविष्य में वन आधारित निजी जरूरतों की पूर्ति और वनोपज की बिक्री से अतिरिक्त आय का साधन भी प्रदेशभर के निवासियों को प्राप्त होगा।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here