नई दिल्ली : भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने बुधवार को कहा कि राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (NCLAT) की हालत खराब हो गई है और उन्होंने फिनोलेक्स केबल्स मामले में न्यायिक सदस्य राकेश कुमार और तकनीकी सदस्य आलोक श्रीवास्तव को अवमानना नोटिस जारी किया है। यह पूछते हुए कि शीर्ष अदालत को उनके खिलाफ अवमानना कार्यवाही क्यों नहीं शुरू करनी चाहिए, उन्होंने उन्हें 30 अक्टूबर को व्यक्तिगत रूप से पेश होने का आदेश दिया।
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उन्होंने कहा कि मैं न्यायमूर्ति अशोक भूषण (एनसीएलएटी अध्यक्ष) के बारे में बात नहीं कर रहा हूं। वह उन सबसे प्रतिष्ठित न्यायाधीशों में से एक हैं जिन्हें मैं जानता हूं… लेकिन एनसीएलटी और एनसीएलएटी अब सड़ चुके हैं। यह मामला उस सड़न का उदाहरण है। अदालत ने कहा कि प्रथम दृष्टया हमारा मानना है कि एनसीएलएटी के सदस्य सही तथ्यों का खुलासा करने में विफल रहे हैं। अदालत ने एनसीएलएटी पीठ के 13 अक्टूबर के फैसले को भी रद्द कर दिया, जिसमें कंपनी को वार्षिक आम बैठक (एजीएम) के आंकड़े जारी करने का आदेश दिया गया था।
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जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने फैसला सुनाया कि मामले की सुनवाई अब न्यायमूर्ति अशोक भूषण करेंगे। 13 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने एनसीएलएटी को अपना फैसला सुनाने और जांचकर्ता की रिपोर्ट मिलने के बाद ही एजीएम बैठक के नतीजे घोषित करने का निर्देश दिया था। अदालत का आदेश दोपहर 1.55 बजे अपलोड किया गया और वकील ने एनसीएलएटी पीठ को भी घटनाक्रम की जानकारी दी।