नई दिल्ली : गृह मंत्रालय (एमएचए) ने मंगलवार (9 जुलाई) को खालिस्तान समर्थक आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू के संगठन सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) पर लगे बैन को अगले 5 साल के लिए बढ़ा दिया है. दरअसल, इस आतंकी संगठन पर पहली बार 2019 में बैन लगाया गया था. गृह मंत्रालय ने एक अधिसूचना में कहा कि एसएफजे “भारत की आंतरिक सुरक्षा और सार्वजनिक व्यवस्था के लिए हानिकारक” गतिविधियों में शामिल रहा है.
इसे भी पढ़ें :-वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी ने बरमकेला अस्पताल में 10 बिस्तर आइसोलेशन वार्ड का किया लोकार्पण
इस दौरान गृह मंत्रालय का कहना है कि एसएफजे की गतिविधियों में “देश की शांति, एकता और अखंडता को बाधित करने की क्षमता है. मंत्रालय के अनुसार, एसएफजे को भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को बाधित करने के इरादे से पंजाब में राष्ट्र-विरोधी और विध्वंसक गतिविधियों में शामिल पाया गया है. बता दें कि, यह फैसला राष्ट्रीय जांच एजेंसी की ओर से की गई जांच में मिले नए सबूतों के आधार पर लिया गया है.
इसे भी पढ़ें :-जशपुर के ताईक्वांडो खिलाड़ियों ने फिर बढ़ाया जिले का मान कलेक्टर ने सभी खिलाड़ियों को दी बधाई
दरअसल, गृह मंत्रालय के मुताबिक, संगठन सिख फॉर जस्टिस पर “उग्रवादी संगठनों और कार्यकर्ताओं के साथ निकट संपर्क में रहने और भारत संघ के क्षेत्र से एक संप्रभु खालिस्तान बनाने के लिए पंजाब और अन्य जगहों पर उग्रवाद और हिंसक तौर पर समर्थन करने” का आरोप लगाया गया है. साथ ही मंत्रालय ने ये भी आरोप लगाया कि खालिस्तान समर्थक संगठन भारतीय क्षेत्र के एक हिस्से को भारत संघ से अलग करने की गतिविधियों को प्रोत्साहित और सहायता कर रहा है.
जानें क्या है सिख फॉर जस्टिस ?
बता दें कि, साल 2007 में खालिस्तानी आतंकी गुरवंत सिंह पन्नू ने सिख फॉर जस्टिस संगठन बनाया था. जिसका मकसद सिखों के लिए अलग देश की मांग करना है. इसके अलावा गुरपतवंत सिंह पन्नू को 2020 में केंद्र द्वारा आतंकवादी घोषित किया गया था. वह सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) के संस्थापकों में से एक है और अमेरिका, कनाडा और यूके में सिखों के लिए एक अलग राज्य, जिसे वे खालिस्तान कहते हैं. उनके लिए सक्रिय रूप से पैरवी करता है.