रायपुर/29 अप्रैल 2024। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि मोदी राज में केवल महंगाई, बेरोजगारी और असमानता का विकास हुआ है। विगत 10 वर्षों में रोजगार की समस्या साल दर साल बढ़ती ही गई है। हाल ही में जारी सीएमआईई के आंकड़ों के अनुसार देश में 45 करोड़ से ज्यादा लोग ऐसे हैं जिन्होंने अब निराश होकर काम की तलाश ही छोड़ दी है, इनमें महिलाएं ज्यादा है।
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मोदी राज में कुल कामगारों की संख्या घटकर 40 प्रतिशत रह गई है रोजगार बढ़ाने के बजाय दो करोड़ 10 लाख कामगार घट गए हैं। मोदी राज में बढ़ती बेरोजगारी की भयावह स्थिति का प्रमाण है कि वर्तमान में देश के लगभग 60 प्रतिशत लोगों के पास काम नहीं है। एक तरफ मोदी के मित्र अमीरों की आय बहुत तेजी से बढ़ रही है वही मध्यम वर्ग और गरीब, और अधिक गरीब होता जा रहा है। देश की आधी आबादी महिलाओं की है लेकिन अर्थव्यवस्था में हिस्सेदारी मात्र 18 प्रतिशत है जो कि वैश्विक औसत से लगभग आधी है।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है एक तरफ केंद्रीय विभागों सार्वजनिक उपक्रमों और नवरत्न कंपनियों में लाखों की संख्या में पद खाली है लेकिन केंद्र की मोदी सरकार वैकेंसी निकल कर रिक्त पदों पर भरती करने के बजाय सरकारी संसाधनों को बेचकर युवाओं के सरकारी नौकरी में रोजगार के अवसर को बेचने का काम कर रही है।
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वर्तमान में भारत में लगभग 90 करोड लोग रोजगार के लायक हैं इनमें ज्यादातर युवा हैं जिनकी उम्र लगातार बढ़ रही है, लेकिन मोदी सरकार के दुर्भावना और युवा विरोधी नीतियों के चलते काम न मिलने की वजह से अवसाद में जीने मजबूर हैं।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि केंद्र सरकार के एमएसएमई मंत्रालय के रिक्रूटमेंट पोर्टल पर 12 महीनों में नौकरी चाहने वालों की संख्या में 86 प्रतिशत और पदों की संख्या में 71 प्रतिशत की गिरावट आयी है। बेहद स्पष्ट है कि मोदी सरकार युवाओं के लिए सरकारी नौकर के अवसर को खत्म कर रही है। देश की आम जनता अपने घटते इनकम और महंगाई की मार से पीड़ित है वही देश के तमाम संसाधन मोदी सरकार अपने मित्रों पर लूटा रही है। एक प्रतिशत पूंजीपति मित्रों के हाथ में देश के कुल 40 प्रतिशत संपत्ति है, जहां सिर्फ 22 लोगों के पास इतना धन है जितना 70 करोड़ के पास।
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प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि मोदी सरकार के पिछले 10 वर्षों में देश में आर्थिक असमानता बढ़ी है। आम जनता को लूटकर अपने मित्रों की तिजोरिया भरी गयी है। आटा, दही, पनीर, दवाई, खाद, बीज, कीटनाशक, कृषि उपकरण, कॉपी किताब और कफ़न के कपड़े तक पर जीएसटी लगाया। देश के सबसे गरीब 50 प्रतिशत आबादी जीएसटी का 64 प्रतिशत दे रहा है, लेकिन तमाम राहत, रियायत और सब्सिडी पूंजीपति मित्रों को दी जा रही है। क्रूड मिल 2014 की तुलना में 40 प्रतिशत कम होने के बावजूद डीजल पेट्रोल के दाम डेढ़ गुना अधिक है।
38 लाख करोड़ से अधिक की राशि केंद्र की मोदी सरकार ने केवल डीजल पेट्रोल से अतिरिक्त मुनाफाखोरी करके देश की जनता के जेब में डकैती डालकर वसूला है। देश की 20 प्रतिशत आबादी मात्र 46 रू. रोजाना पर गुजर बसर करने मजबूर है, लेकिन मोदी के मित्र हजार करोड़ से अधिक रोज का कमा रहे हैं। मोदी की वादाखिलाफी और जन विरोधी नीतियां उजागर हो चुकी है, इस लोकसभा चुनाव में जनता, मोदी के कुशासन से मुक्ति पाएगी।