मिर्जापुर: UP के मिर्जापुर में रहने वाली सानिया देश की पहली मुस्लिम महिला फाइटर पायलट बनने जा रही हैं। सानिया ने NDA यानी नेशनल डिफेंस अकादमी की परीक्षा में 149वीं रैंक हासिल की है। वह यूपी की पहली महिला फाइटर पायलट भी होंगी। 27 दिसंबर 2022 को पुणे में ट्रेनिंग शुरू करके अपने सपने को सच करने जा रही हैं।
सानिया शहर मुख्यालय से करीब 10 किमी. दूर जसोवर गांव की हैं। गांव के ही स्कूल से 10वीं की पढ़ाई की। 12वीं के लिए मिर्जापुर आईं और हिंदी मीडियम से पढ़ाई की। सानिया के पिता शाहिद अली, TV मैकेनिक हैं। गांव के घर पर ही उनकी दुकान है। NDA का रिजल्ट आते ही सानिया देशभर में सुर्खियों में आ गईं। जिला मिर्जापुर एक बार फिर चर्चा में हैं।
NDA में सिलेक्शन के पास सानिया बेहद खुश हैं। वह कहती हैं, मैंने देश की पहली महिला पायलट अवनी चतुर्वेदी का इंटरव्यू पढ़ा था। तभी से मेरे मन में फाइटर पायलट बनने की इच्छा हो गई। आमतौर पर हम जिस जगह से आते हैं। वहां टीचर, डॉक्टर या इंजीनियर के आगे की कोई बात ही नहीं करता है। मेरी पूरी पढ़ाई हिंदी मीडियम से हुई है। 8वीं तक गांव के सरकारी स्कूल में पढ़ाई की। फिर 10वीं गांव के ही पंडित चिंतामणि दुबे इंटर कॉलेज से किया।
गांव में अच्छे स्कूल नहीं हैं। इसलिए, मेरा एडमिशन मिर्जापुर के गुरु नानक गर्ल्स इंटर कॉलेज में हुआ। यहां से मैंने 12वीं की पढ़ाई की। 12वीं मैंने यूपी बोर्ड में जिला टॉप किया है। मेरा मन फाइटर पायलट की तरफ लगा था। इसलिए, मैंने 12वीं के बाद मिर्जापुर के ही कोचिंग में NDA की तैयारी शुरू कर दी।
यह NDA में दूसरा अटेंम्प था। पहली बार में मेरा सिलेक्शन नहीं हुआ था। जब मेरा सिलेक्शन नहीं हुआ तो मैं थोड़ी उदास हुई, लेकिन परेशान नहीं हुई। बल्कि मैंने अपनी कमजोरी को पहचाना और उस पर काम करना शुरू किया। दूसरे अटेंम्प में मेरा सिलेक्शन हो गया। एक दिन पहले ही मेरा सिलेक्शन का लेटर आया है। मेरी 149वीं रैंक हैं। पुणे में 27 दिसंबर से मेरी ट्रेनिंग शुरू हो जाएगी।
जब मैं तैयारी कर रही थी तो लोगों ने हिंदी-अंग्रेजी मीडियम को लेकर मुझको डराया। कहा कि फोर्स में अंग्रेजी ही चाहिए। हालांकि, मुझे कोई दिक्कत नहीं हुई। मैंने हिंदी मीडियम से ही पढ़ाई की है। मेरा साइंस में बहुत ज्यादा इंटरेस्ट है। बचपन से इंजीनियर बनना चाहती हूं। देश की पहली महिला फाइटर पायलट अवनी चतुर्वेदी को मैं अपना आइडियल मानती हूं। मैं उनसे इंस्पायर हूं। इसके बाद मुझमें एक जुनून सवार हुआ कि मुझे कुछ ऐसा करना है जिसमें लड़कियां ज्यादा शामिल नहीं होती हैं। इसके बाद मैंने NDA की परीक्षा की तैयारी की।
मैं चाहती हूं कि हर लड़की पढ़ी-लिखी हो। हम देखते हैं कि हमारी सोसाइटी में लड़कियों के माता-पिता अपना सारा पैसा लड़की के दहेज में लगा देते हैं। बहुत कम लड़कियां होती हैं जो आगे चलकर बीए/बीएससी करती हैं। मेरे पायलट बनने में मेरे माता-पिता का ज्यादा सपोर्ट रहा है। पिता का ज्यादा सपोर्ट रहा है, उन्होंने मेरे ऊपर कोई दबाव नहीं आने दिया।
सानिया के पिता शाहिद अली पेशे से TV मैकेनिक हैं। वह कहते हैं, सानिया देश की पहली फाइटर पायलट अवनी को अपना आदर्श मानती हैं। वह उनके जैसा बनना चाहती थीं। सानिया देश की दूसरी ऐसी लड़की हैं, जिसे फाइटर पायलट के तौर पर चुना गया है। यह हमारे लिए गर्व की बात हैं। मैंने सिर्फ उसे अपनी इच्छा पर आगे बढ़ने दिया।
सानिया की मां तबस्सुम मिर्जा कहती हैं, हमारी बेटी ने हमें और पूरे गांव को गौरवान्वित किया है। उसने फाइटर पायलट बनने का सपना पूरा कर अपने गांव की हर लड़कियों को प्रेरित किया है। हम बता नहीं सकते कि कितना खुश हैं। हमारी बच्ची ने हमारा मान सम्मान अपना सब कुछ पूरा कर दिया।