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ये हैं आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के गॉडफादर, Google से दिया इस्तीफ़ा, इंसानों के भविष्य के लिए बताया खतरा

नई दिल्ली: Geoffrey Hinton का नाम आपने शायद ना सुना हो, लेकिन इन्हें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की दुनिया में उन्हें गॉडफादर कहते हैं. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की दुनिया में Geoffrey Hinton के नाम की खूब चर्चा रहती है. हिंटन ने 75 साल की उम्र में Google से इस्तीफा दे दिया है. साथ ही उन्होंने AI को लेकर बढ़ रहे कुछ खतरों से भी सावधान किया है.

न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, Geoffrey Hinton ने गूगल से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने अपने काम पर पछतावा भी व्यक्त किया है. हिंटन ने AI चैटबॉट्स को लेकर कुछ बेहतर डरावने खतरों के बारे में बताया है. उन्होंने कहा, ‘जहां तक मैं कह सकता हूं, फिलहाल वे हमसे ज्यादा बुद्धिमान नहीं हैं. लेकिन मेरा मानना है कि वे जल्द ही हो जाएंगे.

‘क्यों कहते हैं गॉडफादर?

डॉ हिंटन की डीप लर्निंग और न्यूरल नेटवर्क पर रिसर्च ने ही आज के पॉपुलर AI सिस्टम की नींव रखी है. ChatGPT जैसे पॉपुलर AI बॉट्स तक का रास्ता हिंटन ने खोजा था. उन्होंने एक इंटरव्यू में बताया कि चैटबॉट्स जल्द ही इंसानी दिमाग की जानकारी से स्तर को पार कर लेंगे.

Geoffrey Hinton ने कहा, ‘फिलहाल हम GPT-4 जैसी चीजें देख रहे हैं, जो सामान्य ज्ञान के मामले में एक आम आदमी को मात दे सकते हैं. हालांकि, ये रीजनिंग के मामले में उतने बेहतर नहीं हैं, लेकिन ये सिंपल रीजनिंग जरूर कर रहे हैं.’ उन्होंने बताया, ‘प्रोग्रेस के रेट को देखने हुए उम्मीद है कि चीजें तेजी से बेहतर होंगी. इसलिए हमें इसके बारे में चिंता करने की जरूरत है.’

किन बातों का है डर?

न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, डॉ हिंटन ने बुरे एक्टर्स की बात की है, जो AI का इस्तेमाल बुरी चीजों के लिए कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि ये बहुत बुरे सिनेरियो में होगा. हिंटन ने कहा कि आप कल्पना कीजिए कि किसी रोज कोई बुरा शख्स रोबोट्स को अपने गोल्स क्रिएट करने की क्षमता दे देता है.उन्होंने चिंता जाहिर की है कि ये AI रोबोट्स खुद को और ज्यादा पावरफुल बनाने का सब-गोल्स सेट कर सकते हैं.

उन्होंने कहा कि मैं इस कंक्लुजन पर पहुंचा हूं कि हम जिस तरह की इंटेलिजेंस को विकसित कर रहे हैं, ये उससे बहुत अलग है, जो हमारे पास है. हम बायोलॉजिकल सिस्टम हैं और ये डिजिटल सिस्टम.उन्होंने कहा कि दोनों में सबसे बड़ा अंतर है कि डिजिटल सिस्टम में आप उस जैसी कई कॉपी बना सकते हैं.

ये कॉपी अलग-अलग चीजें एक ही समय पर अलग-अलग सीख सकते हैं, लेकिन ये एक दूसरे से जानकारी शेयर भी कर सकते हैं. मतलब जैसी ही एक कॉपी कुछ सीखती है, दूसरे अपने आप उस चीज को सीख जाएंगे. इस तरह से ये चैटबॉट्स एक इंसान से ज्यादा जान जाएंगे.

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