कन्नौज मेला में दर्दनाक हादसा : खोपड़ी से अलग हुए बाल,ऐसे बची लड़की की जान

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Tragic accident in Kannauj fair: Hair got separated from the skull, this is how the girl's life was saved

कन्नौज :  उत्तर प्रदेश के कन्नौज जिले के तालग्राम क्षेत्र के माधौनगर में एक मेले के दौरान ऐसा भीषण हादसा हुआ जिसने हर किसी के रोंगटे खड़े कर दिए। झूला झूलने आई अनुराधा नाम की एक लड़की के बाल झूले की ऊपरी लोहे की रॉड में फंस गए और देखते ही देखते उसके पूरे बाल जड़ से खोपड़ी से अलग हो गए। यह दर्दनाक दृश्य देखकर मेले में मौजूद लोग सन्न रह गए, और हर किसी की आंखों में डर और सहानुभूति साफ झलकने लगी।

जानिए कैसे हुआ यह भीषण हादसा?

दरअसल, तालग्राम के माधौनगर में लगे इस मेले में कई झूले थे जो हर किसी को अपनी ओर आकर्षित कर रहे थे। अनुराधा भी अपने दोस्तों के साथ झूला झूलने पहुंची थी। झूला झूलते समय अचानक उसके बाल झूले की ऊपरी लोहे की एंगल में फंस गए और वह दर्द से चिल्लाने लगी। बाल झूले में उलझते रहे और थोड़ी ही देर में जड़ से उखड़ते हुए खोपड़ी से अलग हो गए। बालों के खोपड़ी से अलग होते ही अनुराधा दर्द से बेहोश हो गई, और यह दृश्य देखकर वहां मौजूद लोगों के रोंगटे खड़े हो गए।

जैसे ही घटना घटी, झूला संचालकों ने तुरंत झूले को रोकने का प्रयास किया। लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी, और अनुराधा के बाल खोपड़ी से पूरी तरह अलग हो चुके थे। यह खतरनाक हादसा शायद ही पहले कभी कन्नौज में किसी मेले के दौरान देखा गया हो। लोगों में डर का माहौल फैल गया और सभी सहमे हुए थे कि यह हादसा किसी के भी साथ हो सकता था।

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वहीँ, घटना के बाद तुरंत अनुराधा को स्थानीय मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया। प्राथमिक उपचार के बाद उसकी गंभीर स्थिति को देखते हुए उसे लखनऊ पीजीआई रेफर कर दिया गया है। डॉक्टरों ने बताया कि उसकी हालत अब भी गंभीर बनी हुई है, और सिर की चोटों का इलाज जटिल हो सकता है। अनुराधा के परिवार में इस घटना के बाद दुख और गम का माहौल है, वहीं डॉक्टरों की टीम उसकी स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए है।

वहीँ, हादसे के तुरंत बाद झूला संचालक वहां से झूला लेकर फरार हो गया। पीड़ित परिवार के परिजनों ने झूला संचालक का आधार कार्ड अपने पास रख लिया है और इस मामले में स्थानीय पुलिस को भी सूचना दे दी है। फिलहाल, पुलिस अभी मामले की जांच कर रही है और तहरीर का इंतजार कर रही है।

इस हादसे के बाद कन्नौज और आसपास के क्षेत्रों में हड़कंप मच गया है। हर किसी के मन में यही सवाल है कि मेले जैसे सार्वजनिक स्थानों पर इस प्रकार की सुरक्षा व्यवस्था क्यों नहीं की गई? बच्चों और महिलाओं के लिए जोखिम भरे झूलों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम क्यों नहीं होते? आखिर मेले में किसी ने क्यों नहीं देखा कि बाल इस तरह से झूले में फंस सकते हैं।

प्रशासन की जिम्मेदारी और स्थानीय लोगों की मांग

स्थानीय लोगों ने मांग की है कि ऐसे आयोजनों में सुरक्षा मापदंडों को और सख्त किया जाए और ऐसे हादसों को रोकने के लिए झूला संचालकों को प्रशिक्षित किया जाए। पुलिस और प्रशासन की तरफ से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन परिवार और स्थानीय लोगों में प्रशासन के खिलाफ नाराजगी साफ झलक रही है।

यह हादसा एक गंभीर चेतावनी है कि सार्वजनिक स्थानों पर लोगों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। मेला आयोजकों को चाहिए कि वे सुरक्षा मानकों का सख्ती से पालन करें ताकि भविष्य में इस तरह के हादसों को टाला जा सके। झूले जैसे उपकरणों की समय-समय पर जांच और रखरखाव बेहद जरूरी है, साथ ही झूले संचालकों को सुरक्षा के बारे में जागरूक किया जाना चाहिए।

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कन्नौज में घटित इस दर्दनाक घटना ने हर किसी को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या हमारे सार्वजनिक स्थान सुरक्षित हैं? यह हादसा प्रशासन, आयोजकों और जनता के लिए एक सबक है कि सुरक्षा में लापरवाही किसी की भी जान पर भारी पड़ सकती है। अनुराधा के परिवार के लिए यह एक ऐसा दुःस्वप्न बन गया है जिससे उबरना कठिन होगा। स्थानीय प्रशासन से इस मामले में उचित कदम उठाने की उम्मीद की जा रही है ताकि ऐसी त्रासदी दोबारा ना हो।

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