देहरादून : उत्तराखंड में आज से यानि 27 जनवरी से UCC को लागू कर दिया गया है. इसके साथ ही ये हिन्दुस्तान का पहला राज्य भी बन चुका है, जहां यह कानून प्रभावी हो चुका है. UCC को न केवल पूरे राज्य में लागू किया गया है, बल्कि यह राज्य से बाहर रहने वाले उत्तराखंड के लोगों पर भी लागू होने वाली है. इतना ही नहीं यह ऐतिहासिक विधेयक दोपहर तकरीबन 12:30 बजे लागू कर दिया गया.
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने पीएम मोदी के राज्य दौरे से ठीक पहले UCC पोर्टल को भी पेश कर दिया गया है. उत्तराखंड सरकार द्वारा अनुमोदित संशोधित समान नागरिक संहिता नियमों में अब व्यक्तिगत कानूनों से संबंधित विवादों को निपटाने के लिए अलग प्रक्रिया का प्रस्ताव भी दे दिया गया है.
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लिव-इन कपल्स के शुरू किए गए नए नियम: UCC एक ऐसा कानून है जो सभी नागरिकों के लिए समान कानूनी प्रावधानों की स्थापना करने के बारें में सोच रहा है, चाहे उनका धर्म या समुदाय कुछ भी है. यह शादी, तलाक, उत्तराधिकार, संपत्ति के अधिकार और गोद लेने के कानूनों को मानकीकृत करने वाला है. इस कानून के पश्चात लिव-इन कपल्स को लेकर भी नए रूल्स भी बनाए जा चुके है.
पंजीकरण कराना होगा जरुरी: खबरों का कहना है कि अब से लिव-इन रिलेशनशिप के लिए पंजीकरण करवाना जरुरी है. नए कानून में अनिवार्य कर दिया गया है कि सभी लिव-इन रिलेशनशिप को अधिकारियों के पास पंजीकृत होना जरुरी है. 21 साल से कम उम्र के व्यक्तियों के साथ लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वालों के लिए माता-पिता की सहमति जरुरी हो जाएगी.
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बच्चे को माना जाएगा वैध: मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार व्यक्ति अपने लिव-इन रिलेशनशिप को पंजीकृत करने में असफल हो जाते है या गलत सूचना प्रदान करते है, तो उन्हें 3 माह तक की जेल की सजा, 25,000 रुपये का जुर्माना या दोनों का सामना भी करना पड़ सकता है. लिव-इन से पैदा हुए बच्चे को जायज माना जाएगा. लिव इन रिलेशन टूटने पर महिला गुजारा भत्ते की मांग भी कर सकते है. बिना जानकारी दिए एक माह से अधिक लिव इन में रहने पर 10 हजार रुपये का जुर्माना या कारावास में जाना पड़ सकता है.
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UCC से और क्या हो सकते है परिवर्तन?: कुछ रिपोर्ट्स का कहना है कि इसके साथ साथ UCC बेटों और बेटियों दोनों के लिए संपत्ति में समान अधिकार सुनिश्चित कर देता है. UCC के अंतर्गत बहुविवाह पर प्रतिबंध होने वाला है, तथा इस ऐतिहासिक कानून के तहत एकविवाह को आदर्श कहा जाता है. UCC के मुताबिक विवाह के लिए न्यूनतम लड़कों की आयु 21 साल और लड़कियों की उम्र 18 साल निर्धारित की जा चुकी है.