नयी दिल्ली: निर्वाचन आयोग ने सोमवार को रायथु बंधु योजना के तहत रबी फसलों के लिए किसानों को दी जाने वाली वि आचार संहिता उल्लंघन: आयोग ने तेलंगाना सरकार को रायथु बंधु योजना की किस्त जारी करने की अनुमति वापस लीत्तीय सहायता की किस्त बांटने के लिए तेलंगाना सरकार को दी गयी अनुमति वापस ले ली।
आयोग ने राज्य के वित्त मंत्री टी. हरीश राव द्वारा इसे लेकर सार्वजनिक घोषणा करने के बाद यह फैसला लिया क्योंकि यह आचार संहिता का उल्लंघन है। निर्वाचन आयोग ने राज्य में भारत राष्ट्र समिति की सरकार को कुछ आधार पर आचार संहिता की अवधि के दौरान रबी फसलों के लिए किसानों को दी जाने वाली वित्तीय सहायता की किस्त का भुगतान करने की मंजूरी दी थी। सरकार को आचार संहिता के दौरान इसे लेकर प्रचार नहीं करने के लिए भी कहा गया था।
तेलंगाना में विधानसभा चुनाव के लिए 30 नवंबर को मतदान होगा। निर्वाचन आयोग ने राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) को लिखे पत्र में कहा, ”आयोग ने पाया है कि तेलंगाना सरकार के वित्त और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री टी. हरीश राव ने न केवल एमसीसी (आदर्श आचार संहिता) के प्रावधानों का उल्लंघन किया है बल्कि इसका प्रचार कर उपरोक्त शर्तों को भी तोड़ा है। इसमें राज्य में चल रही चुनाव प्रक्रिया में विभिन्न दलों के लिए समान अवसर को भी बाधित किया गया है।”
निर्वाचन आयोग ने राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को अपने, अनुमति वापस लेने के फैसले के बारे में सूचित किया। वित्त मंत्री ने किस्तों का भुगतान जारी करने के बारे में सार्वजनिक घोषणा की थी। उन्होंने कथित तौर पर कहा था, “किस्त सोमवार को दी जाएगी। किसानों का चाय-नाश्ता खत्म होने से पहले ही उनके खाते में राशि जमा हो जाएगी।”
निर्वाचन आयोग ने सीईओ से उसका फैसला राज्य सरकार को बताने और अनुपालन रिपोर्ट सोमवार दोपहर तीन बजे तक आयोग को सौंपने के लिए कहा है। पत्र में कहा गया है ‘‘आयोग यह निर्देश देता है कि 25 नवंबर 2023 की तारीख वाले पत्र में रबी फसलों के लिए किसानों को दी जाने वाली वित्तीय सहायता की किस्त जारी करने के लिए दी गई अनुमति तत्काल प्रभाव से वापस ली जाए और तेलंगाना में आदर्श आचार संहिता लागू रहने के दौरान, योजना के तहत कोई किस्त जारी न की जाए।’’