अरविन्द शर्मा
कटघोरा (Katghora) : बरसात की शुरुआत होते ही नगर की सड़को पर मवेशियों का जमावड़ा शुरू हो जाता है। जगह जगह पर दर्जनों मवेशी झुंड बनाकर सड़कों को जाम कर देते हैं लिहाजा वाहन चालकों व राहगीरों को भारी दिक़्क़तों का सामना करना पड़ता है। कई दफा मवेशियों के कारण वाहन चालक दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं।रात्रि के दरमियान स्थिति और भयानक होती है जहाँ सड़क पर मवेशियों का झुंड नजर नही आता और वाहन चालक सीधे मवेशियों के झुंड में घुस जाता है और हादसे का शिकार हो जाता है।
वही नगर की व्यवस्थाओं को लेकर जिम्मेदार नगर पालिका केवल तमाशबीन बनकर रह गई है जो यहाँ के अधिकारियों को शायद नजर नही रहा है।बीते दिनों कटघोरा पहुचे केंद्रीय मंत्री ने भी सभा के दौरान सड़क पर मौजूद मवेशियों का जिक्र कर नगर पालिका सहित राज्य सरकार को आइना दिखाकर नरवा गरवा जैसी योजनाओं को पूरी तरह विफल करार दिया है।
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कटघोरा के मुख्यमार्ग में रोजाना सैकड़ों मवेशियों का जमावड़ा इस कदर बना रहता मानो यह सड़क नही गोठान हो,यहां दर्जनों की संख्या में मवेशियों के अनेकों झुंड मौजूद रहते हैं।जिस कारण वाहन चालकों को भारी दिक़्क़तों के बीच सफर करना पड़ता है ,कई बार तो वाहन चालक मवेशियों से टकराकर अपनी जान गवा देते हैं।बरसात के दिनों में स्थितियां और ज्यादा भयानक हो जाती है,
जिसका कारण सीधे तौर पर स्थानीय प्रशासन की लाचारी को माना जा सकता है,जिन पर नगर की व्यवस्थाओं का बड़ा जिम्मा होता है।ऐसा नही है कि जिम्मेदार अधिकारी वस्तुस्थिति से अवगत नही है,उन्हें तमाम समस्याओं की जानकारी है लेकिन जब समस्याओं के निराकरण की बात आती है तो इन्हें सांप सूंघ जाता हैं।
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सरकार की गोठान योजना पूरी तब विफल नजर आती है जब सड़को पर सैकड़ो मवेशियों के दीदार हो जाते हैं।लाखों करोड़ों की लागत से बनाये जा रहे गोठान आज वीरान पड़े हैं और सड़कों पर मवेशी इठलाते घूम रहे हैं।इससे शहर्ष ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि मवेशियों के लिए गोठान कितने कारगर साबित हुए हैं।कई स्थानों पर गोठान पूरी तरह बनकर तैयार है और कुछ स्थानों पर गोठान आधे अधूरे पड़े हैं, एक बात समझ से परे है जब गोठान बनकर तैयार है तो मवेशियों को गोठान क्यो नही ले जाया जा रहा है?उन्हें सड़को पर क्यो लावारिश की भांति छोड़ा जा रहा है?