Virtual Lab : अब स्कूलों में भी ‘वर्चुअल लैब’ से होगी पढ़ाई

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Virtual Lab : अब स्कूलों में भी ‘वर्चुअल लैब’ से होगी पढ़ाई

नई दिल्ली : राष्ट्रीय शिक्षा नीति की सिफारिशों के तहत अब स्कूलों में भी ‘वर्चुअल लैब’ (Virtual Lab) से पढ़ाई की सुविधा होगी। केंद्र सरकार की इस योजना के तहत देश के 750 स्कूलों में विज्ञान एवं गणित विषय से संबंधित ‘वर्चुअल लैब’ और 75 कौशल ई-लैब स्थापित किए जाएंगे।

शिक्षा मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मिडिया  से कहा- बच्चों में तर्कसंगत सोच की क्षमता विकसित करने एवं रचनात्मकता को बढ़ावा देने के लिए वर्ष 2022-23 के दौरान गणित एवं विज्ञान में 750 वर्चुअल लैब तथा अनुकरणीय पठन-पाठन का माहौल बनाने के उद्देश्य से 75 कौशल ई-लैब स्थापित करने की योजना बनाई गई है।

केंद्रीय मंत्रिमंडल के समक्ष पेश मासिक रिपोर्ट के ताजा नोट के मुताबिक, इस कार्यक्रम के तहत अब तक 200 वर्चुअल लैब स्थापित हुए हैं। इसके तहत कक्षा नौ से 12 तक के लिए भौतिकी, रसायन विज्ञान, गणित और जीवविज्ञान विषय में दीक्षा पोर्टल पर वर्चुअल लैब की रूपरेखा रखी गई है।

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अधिकारी के अनुसार, वर्चुअल लैब कार्यक्रम से मध्य स्कूल स्तर और माध्यमिक स्कूल स्तर पर विद्यार्थियों, शिक्षकों और शिक्षक प्रशिक्षकों को फायदा होगा। इससे देश में करीब 10 लाख शिक्षक और 10 करोड़ छात्रों के लाभान्वित होने की उम्मीद है।

उल्लेखनीय है कि अब तक विश्वविद्यालयों एवं कॉलेजों में ही ‘वर्चुअल लैब’ स्थापित किए गए हैं। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान समेत देश की कुछ शीर्ष शैक्षणिक संस्थाओं के सहयोग से एक ऐसे आभासी संसार का सृजन किया गया है, जहां वर्चुअल लैब के जरिए छात्र विज्ञान संबंधी प्रयोग एवं नवाचार कर सकते हैं। मसलन, अगर किसी छात्र को वर्चुअल लैब के माध्यम से सर्किट तैयार करना हो तो इस वर्चुअल लैब में संबंधित विषय पर सभी उपकरण उपलब्ध हैं। उपयुक्त मात्रक वाले प्रतिरोध का उल्लेख कर छात्र सर्किट बना सकते हैं और वास्तविक आंकड़ा प्राप्त कर सकते हैं।

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अधिकारी के मुताबिक, इसी प्रकार अब स्कूलों में अलग-अलग कक्षाओं के बच्चों को पाठ्यक्रम की बुनियादी जानकारी देने के बाद वर्चुअल लैब के उपयोग के लिए प्रेरित किया जाएगा। इसमें कृत्रिम बुद्धिमता का उपयोग करके बच्चे आभासी वातावरण में अंतरिक्ष, पर्यावरण, गुरुत्वाकर्षण सहित भौतिकी, रसायन, जीवविज्ञान एवं गणित से जुड़े जटिल विषयों को समझ सकेंगे तथा वे रटने के स्थान पर सोच -समझकर लिखेंगे।

इसके साथ ही शिक्षा मंत्रालय ने स्थानीय कला को प्रोत्साहित करने एवं समर्थन देने के लिए देश के 750 स्कूलों में ‘कलाशाला’ कार्यक्रम शुरू करने की भी योजना बनाई है।

अधिकारी ने बताया कि इस कार्यक्रम का लक्ष्य स्कूली छात्रों को देश की विभिन्न लोक कलाओं के बारे जानकारी देना तथा उन्हें भारत की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर के बारे में जानकारी जुटाने में मदद करना है। उन्होंने कहा कि कलाशाला कार्यक्रम के तहत विभिन्न कलाकार स्कूलों में जाएंगे और लोक कलाओं के बारे में छात्रों को जानकारी देंगे।

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