नई दिल्ली: दिल्ली में भाजपा 27 वर्ष के पश्चात सत्ता पर आसीन होने की ओर बढ़ता हुआ दिखाई दे रहे है। AAP की करारी हार के पश्चात दिल्ली सचिवालय को पूरी तरह से सील कर दिया गया है। दिल्ली के मुख्य सचिव ने सेफ्टी ऑफ रिकॉर्ड का हवाला देते हुए सरकारी फाइलों को सुरक्षित रखने के लिए आदेश भी जारी कर दिए है।
मुख्य सचिव ने एक आदेश में इस बारें में बोला है कि किसी भी फाइल से छेड़छाड़ किसी भी तरह से नहीं होनी चाहिए। दिल्ली सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग ने एक नोटिस जारी करते हुए बोला है कि है कि सुरक्षा चिंताओं और रिकॉर्ड की सुरक्षा को संबोधित करने के लिए यह अनुरोध भी किया जाने लगा कि GAD की अनुमति के बिना कोई भी फाइल, दस्तावेज, कंप्यूटर हार्डवेयर आदि दिल्ली सचिवालय परिसर के बाहर लेकर नहीं जाएगा।
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इतना ही नहीं दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए शनिवार (8 फरवरी) को जारी मतगणना के आए रुझानों से अब लगभग स्पष्ट हो चुका है कि बीजेपी 27 वर्ष के पश्चात राजधानी की सत्ता में वापसी करने के लिए तैयार है। अब तक सामने आए रुझानों की माने तो AAP के संयोजक अरविंद केजरीवाल, पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और पूर्व मंत्री सौरभ भारद्वाज सहित सत्तारूढ़ दल के कई अन्य प्रमुख नेतों की इस चुनावी जंग में हार हो चुकी है।
General Administration Department, Government of Delhi issues a notice.
"To address security concerns and the safety of records, it is requested that no files/documents, Computer Hardware etc. may be taken outside Delhi Secretariat complex without permission from GAD. It is… pic.twitter.com/VZU4CU5xpt
— ANI (@ANI) February 8, 2025
इतना ही नहीं निर्वाचन आयोग के आंकड़ों के अनुसार दोपहर 2 बजे तक आए रुझानों में भारतीय जनता पार्टी दिल्ली की 70 में से 48 सीट पर निर्णायक बहुमत की ओर बढ़ती हुई नजर आ रही है। जबकि आप 22 सीट पर सिमटता हुआ दिखाई दे रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो दिल्ली में बीते दिनों यानि 5 फरवरी 2025 को हुए चुनाव में 1.55 करोड़ पात्र वोटर्स में से 60.54 प्रतिशत ने मतदान भी कर दिया था।
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भारतीय जनता पार्टी ने 1993 में दिल्ली में गवर्नमेंट बनाई थी। उस चुनाव में उसे 49 सीट पर जीत को अपने नाम कर लिया था। अन्ना आंदोलन से नेता के रूप में उभरे अरविंद केजरीवाल की AAP ने 2015 में 67 सीट जीतकर सरकार बनाई और 2020 में 62 सीट जीतकर सत्ता में धमाकेदार वापसी कर चुके है।
इसके पूर्व वर्ष 2013 के अपने पहले चुनाव में आप ने 31 सीट जीत ली थी लेकिन वह सत्ता से दूर हो चुकी थी। बाद में कांग्रेस के समर्थन से केजरीवाल पहली बार दिल्ली के सीएम बन गए थे। इस बार सत्ता की अग्रसर भारतीय जनता पार्टी 2015 के चुनाव में सिर्फ तीन सीट पर सिमट चुकी है। जबकि 2020 के चुनाव में उसके सीट की संख्या बढ़कर 8 हो चुकी है।
खबरों का कहना है कि वैकल्पिक और ईमानदार राजनीति के साथ भ्रष्टाचार पर प्रहार के दावे के साथ राजनीति में कदम रखने वाले केजरीवाल और उनकी AAP को इस चुनाव से पहले कई इल्जामों का भी सामना करना पड़ा और उसके कई नेताओं को जेल की हवा खाना पड़ गया। भारतीय जनता पार्टी ने शराब घोटाले से लेकर ‘शीशमहल’ बनाने जैसे इल्जाम लगाकर केजरीवाल और AAP के कथित भ्रष्टाचार को इस चुनाव में मुख्य मामला बना दिया गया है।
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पीएम नरेंद्र मोदी ने भी इन विषयों पर निरंतर अटैक किए। हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद दिल्ली में भगवा पार्टी को मिली जीत कई मायनो में महत्वपूर्ण है। AAP संयोजक दिल्ली को विकास का ‘केजरीवाल मॉडल’ बताकर चुनाव मैदान में रहे । जबकि भारतीय जनता पार्टी ने इसके विरुद्ध विकास का ‘मोदी मॉडल’ को भी पेश कर दिया है।
इसके अंतर्गत BJP ने जहां अपने संकल्प पत्र में मुफ्त बिजली, पानी सहित आप गवर्नमेंट की अन्य कल्याणकारी योजनाओं को जारी रखने के साथ ही महिलाओं को 2500 रुपये का मासिक भत्ता और 10 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज समेत कई अन्य वादे भी कर दिए है।