नई दिल्ली : दिल्ली की राजनीति में बड़ा बदलाव देखने को मिला है। आम आदमी पार्टी (AAP) ने दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के रूप में आतिशी को चुना है। रविवार को पार्टी मुख्यालय में आयोजित विधायक दल की बैठक में सभी विधायकों ने सर्वसम्मति से आतिशी के नाम पर मुहर लगाई। कालका जी से विधायक आतिशी अब दिल्ली विधानसभा में विपक्ष का नेतृत्व करेंगी।
अपने सशक्त व्यक्तित्व और शानदार प्रशासनिक अनुभव के चलते आतिशी को इस अहम भूमिका के लिए चुना गया है। इससे पहले अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे के बाद, उन्होंने मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी बखूबी निभाई थी। उनके कार्यकाल के दौरान लिए गए फैसलों और योजनाओं ने पार्टी में उनका कद और मजबूत किया है।
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दिल्ली विधानसभा चुनाव में जहां अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और सौरभ भारद्वाज जैसे बड़े नेताओं को हार का सामना करना पड़ा, वहीं आतिशी अपनी कालका जी सीट बचाने में कामयाब रहीं। उनकी इस जीत ने पार्टी में उनकी लोकप्रियता और नेतृत्व क्षमता को और पुख्ता किया।
आम आदमी पार्टी ने महिला मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के सामने महिला नेता को विपक्ष के रूप में पेश करने की रणनीति अपनाई है। भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने शालीमार बाग से विधायक रेखा गुप्ता को मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी दी है। ऐसे में आतिशी को विपक्ष का चेहरा बनाकर AAP ने साफ संदेश दिया है कि वे महिला सशक्तिकरण और प्रभावशाली नेतृत्व को प्राथमिकता दे रहे हैं।
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AAP के भीतर चुनावी हार के बाद आत्ममंथन का दौर जारी है। पार्टी अब संगठनात्मक ढांचे को नए सिरे से मजबूत करने की तैयारी में है। दिल्ली प्रदेश संयोजक गोपाल राय ने बताया कि सभी विंग्स का पुनर्गठन किया जाएगा और जमीनी स्तर पर संगठन को और सशक्त करने के लिए नई रणनीति बनाई जा रही है। पार्टी नेतृत्व चाहता है कि भविष्य में किसी भी चुनाव में इस तरह की हार दोबारा न हो, इसलिए सभी स्तरों पर ऑडिट कर पदाधिकारियों की भूमिका का मूल्यांकन किया जाएगा।
आतिशी के विपक्ष की नेता बनने से दिल्ली की राजनीति में नई ऊर्जा और तीव्रता देखने को मिल सकती है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि वह विपक्ष की भूमिका में सरकार को कितनी प्रभावी चुनौती देती हैं और जनता के मुद्दों को किस मजबूती से उठाती हैं।