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Baloda Bazar Honeytrap Case: हुस्न की जाल, और ब्लेकमेलिंग, फिर पत्रकार की एंट्री! जाने क्या है मामला…

रायपुर: छत्तीसगढ़ के बौलादाबाजार हनीट्रैप का मामला अब दिलचस्प मोड़ ले रहा है। इस मामले युवती समेत कई आरोपी गिरफ्तार हो चुके है. वहीं अब इस मामले में एक पत्रकार का भी एंट्री हो गया हैं।

जानें पत्रकार ने कैसे निभाई भूमिका
पुलिस सूत्रों के अनुसार, अपने हुस्न के जाल में युवतियां जिसे फंसाती थी उससे पहले ये गिरोह वसूली करता था और फिर अधिक रुपयों की मांग के साथ जब बात नहीं बनती तो इसमें पत्रकार की एंट्री होती थी और वे वसूली करने पहुंचते थे. इस मामले को जानने वाले बताते है कि दो पत्रकारों के बीच वसूली के पैसे को लेकर हुए विवाद के बाद ये पूरा मामला खुलासा हुआ। जिस पत्रकार को पुलिस ने आरोपी बनाया है उसका नाम आशीष शुक्ला है और वो बलौदाबाजार में ही एक वेब पोर्टल संचालित करता है.

फरार है आरोपी पत्रकार आशीष शुक्ला
सूत्रों के अनुसार इस केस में जुड़ी आरोपियां अपने हुस्न के जाल में फंसाने के लिए अपने सोशल मीडिया अकाउंट में हॉट फोटोज शेयर करते थे. हालांकि पोल खुलने के बाद अधिकतर आरोपियों के अकाउंट लॉक हो गए है. हालांकि एक आरोपी दुर्गा टंडन के सोशल मीडिया अकाउंट में पोस्ट की गई तस्वीरें सामने आई थी.

ऐसे फंंसाते थे जाल में
हनीट्रैप इस गिरोह संरगंना शिरीष पांडेय और पुष्पमाला फेंकर शहर के रईस लोगों को चिन्हित करते. शिरीष नेता था. बड़े लोगों के साथ उठना- बैठना था. बताते हैं कि उसने अपने बहुत से पहचान वालों को भी निशाना बनाया था. इन्हीं के इशारों पर आगे ब्लैकमेलिंग और वसूली को अंजाम दिया जाता था.

मोंटी उर्फ प्रत्यूष मरैया व दुर्गा टंडन बाहर से आने वाली युवतियों के शहर में रहने-खाने का इंतजाम करते थे. लड़की को ग्राहक के लिए शहर से मिलवाने से लेकर उसे झूठी रिपोर्ट के लिए थाने तक ले जाने में भी इनकी अहम भूमिका रहती थी. कुल मिलाकर दलाल का काम करते थे.

हीराकली अब भी फरार है. आरोप है कि वह रैकेट के लिए अलग- अलग जगहों से लड़कियों का इंतजाम करने का काम करती थी. टारगेट प्वॉइंट को फंसाने के लिए क्या करना है, इसके लिए सारे जरूरी गुणा-भाग करने के आरोप भी हैं.

महान मिश्रा पेशे से वकील है. मामले में सबसे पहले इसी को गिरफ्तार किया गया था. पहुंच का रौब दिखाकर उगाही गई रकम को संभालने और बांटने का जिम्मा इसी पर था.

वेब पोर्टल का राइटर आशीष शुक्ला लोगों को बदनामी का डर दिखाकर वसूली करता था. इसने प्रार्थी से 1.25 लाख रुपए की मांग की थी. प्रार्थी ने 75 हजार रुपए उसे उसकी दुकान पर जाकर दिए थे.

हनीट्रैप: हाल ही में गिरफ्तार हुए सिटी कोतवाली का हवलदार अंजोर मांझी. ज्यादातर मामलों में लोग ब्लैकमेल नहीं होते, तो लड़कियों को सुनियोजित तरीके से थाने भेजा जाता. यहां अंजोर एफआईआर का डर दिखाकर लोगों को पैसे का लेन-देन कर समझौता करने के लिए मजबूर करता था. सूत्र बताते हैं कि इस रैकेट में कुछ और पुलिसवाले भी शामिल हैं. इस कार्रवाई के बाद शहर में चर्चा है कि इसमें संलिप्त दसरे पुलिसवालों पर भी जल्द कार्रवाई हो सकती है.

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