नयी दिल्ली: सार्वजनिक क्षेत्र की दूरसंचार कंपनी बीएसएनएल इस साल अगस्त से पूरी तरह से स्वदेशी प्रौद्योगिकी पर आधारित 4जी सेवाएं देशभर में शुरू कर देगी। आधिकारिक सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी।
भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) के अधिकारियों ने 4जी नेटवर्क पर 40-45 मेगाबिट प्रति सेकंड (एमबीपीएस) की अधिकतम गति दर्ज करने का दावा किया है। इसे पायलट या प्रायोगिक चरण के दौरान 700 मेगाहर्ट्ज के प्रीमियम स्पेक्ट्रम बैंड के साथ 2,100 मेगाहर्ट्ज बैंड में भी पेश किया गया है।
कंपनी ने सूचना प्रौद्योगिकी कंपनी टाटा कंसल्टेंसी र्सिवसेज (टीसीएस) और दूरसंचार अनुसंधान संगठन सी-डॉट के नेतृत्व वाले गठजोड़ द्वारा स्वदेशी स्तर पर विकसित प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करते हुए पंजाब में 4जी सेवाएं शुरू की हैं और वह लगभग आठ लाख ग्राहकों को अपने साथ जोड़ चुकी है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘सी-डॉट का बनाया हुआ 4जी कोर पंजाब में बीएसएनएल नेटवर्क में बहुत अच्छा प्रदर्शन कर रहा है। इसे पिछले साल जुलाई में स्थापित किया गया था। ऐसी जटिल प्रौद्योगिकी की सफलता साबित करने में 12 महीने लग जाते हैं लेकिन सी-डॉट कोर 10 महीने के भीतर ही स्थिर हो गया है।’’
इस अधिकारी ने पीटीआई-भाषा से नाम सामने न आने की शर्त पर कहा, ‘‘बीएसएनएल अगस्त में पूरे देश में आत्मनिर्भर 4जी प्रौद्योगिकी की पेशकश करेगा।’’ कोर नेटवर्क एक ऐसा समूह है जिसमें दूरसंचार सेवा से जुड़े नेटवर्क हार्डवेयर, उपकरण और सॉफ्टवेयर शामिल होते हैं।
टीसीएस, तेजस नेटवर्क और सरकारी स्वामित्व वाली आईटीआई को 4जी नेटवर्क तैनात करने के लिए बीएसएनएल से लगभग 19,000 करोड़ रुपये का आॅर्डर मिला है। इस नेटवर्क को आगे चलकर 5जी में अद्यतन किया जा सकता है।
तेजस नेटवर्क के कार्यकारी निदेशक और मुख्य परिचालन अधिकारी अर्नब रॉय ने हाल ही में कहा था कि बीएसएनएल का मोबाइल नेटवर्क विभिन्न क्षेत्रों में तैनात किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जहां भी बीएसएनएल नेटवर्क पर सी-डॉट कोर उपलब्ध नहीं है, वहां उपकरण को मौजूदा कोर में एकीकृत किया जा रहा है।
बीएसएनएल पूरे भारत में 4जी और 5जी सेवाओं के लिए 1.12 लाख टावर लगाने की प्रक्रिया में है। कंपनी ने देशभर में 4जी सेवा के लिए 9,000 से अधिक टावर स्थापित किए हैं। इनमें से 6,000 से अधिक टावर पंजाब, हिमाचल प्रदेश, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और हरियाणा र्सिकल में हैं।
सरकारी स्वामित्व वाली कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘बीएसएनएल पिछले चार-पांच वर्षों से केवल 4जी-सक्षम सिम बेच रही है। ऐसे में सिर्फ उन्हीं ग्राहकों को 4जी सेवा का अनुभव लेने के लिए नया सिम लेना होगा जिनके पास पुराना सिम है।’’