तिरुवनंतपुरम: केरल विधानसभा ने बृहस्पतिवार को सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार से अनुरोध किया कि वह ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ के प्रस्ताव को मंजूरी देने के अपने फैसले को वापस ले क्योंकि यह‘अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक’ है। ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ के प्रस्ताव की अनुशंसा रामनाथ कोंिवद पैनल द्वारा की गई है।
यह प्रस्ताव मुख्यमंत्री पिनराई विजयन की ओर से राज्य के विधायी कार्य मंत्री एम बी राजेश ने पेश किया। राजेश ने कहा कि यह प्रस्ताव देश की संघीय प्रणाली को कमजोर करेगा और भारत के संसदीय लोकतंत्र की विविधतापूर्ण प्रकृति को नुकसान पहुंचाएगा।
उन्होंने कहा कि इससे देश में विभिन्न राज्य विधानसभाओं और स्थानीय स्वशासी निकायों के कार्यकाल में भी कटौती का मार्ग प्रशस्त होगा। राजेश ने कहा कि यह निर्णय जनादेश के उल्लंघन समतुल्य, उनके लोकतांत्रिक अधिकारों के लिए एक चुनौती, चुनाव कराने की राज्य की शक्ति को हड़पने और देश की संघीय व्यवस्था पर कब्जा करने जैसा है।
उन्होंने दलील दी कि समिति लोकसभा, राज्य विधानसभा और स्थानीय निकाय चुनावों को एक खर्च के रूप में देख रही है, लेकिन ऐसा करना ‘अलोकतांत्रिक’ है। राजेश ने कहा कि यह ‘‘ंिनदनीय कदम’’ है क्योंकि चुनाव के खर्च कम करने तथा प्रशासन को प्रभावी बनाने के लिए और भी सरल तरीके हैं।