नागपुर: सर्वोच्च न्यायालय ने समलैंगिक विवाह को मान्यता न देने के निर्णय का राष्ट्र सेविका समिति ने स्वागत किया और इसे सही व व्यवहारिक कदम बताया। राष्ट्र सेविका समिति की प्रमुख संचालिका वी. शांता कुमारी ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि भारत के लाखों नागरिकों की भावनाओं तथा हजारों वर्षों के भारतीय संस्कृति के मूल चिंतन को महत्व देते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने समलैंगिक विवाह को मान्यता नहीं दी। इसलिए राष्ट्र सेविका समिति सर्वोच्च न्यायालय को अभिनंदन करती है। भविष्य में भी भारतीय जीवन मूल्यों के संरक्षण हेतु समय-समय पर सर्वोच्च न्यायालय इसी प्रकार के निर्णय लेगा, ऐसी अपेक्षा करती हूं।