इस्लामाबाद: पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी द्वारा देश में आम चुनाव के समय को लेकर संदेह जताए जाने के बाद निर्वाचन आयोग ने भरोसा दिलाया है कि चुनाव को स्थगित करने का सवाल ही नहीं उठता। नकदी संकट से जूझ रहे पाकिस्तान में जनवरी में आम चुनाव प्रस्तावित हैं।
एक समाचार चैनल के साथ साक्षात्कार में राष्ट्रपति अल्वी ने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि अगले साल जनवरी में चुनाव होने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस बाबत उन्होंने कई प्रयास किए हैं, जिनमें पाकिस्तान निर्वाचन आयोग (ईसीपी) को पत्र लिखना भी शामिल है।
पाकिस्तान के राष्ट्रपति के रूप में नियुक्ति से पहले अल्वी पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के संस्थापक सदस्य रहे हैं। इमरान खान फिलहाल जेल में हैं। राष्ट्रपति के मुताबिक, कानून मंत्रालय ने उन्हें बताया कि यह उनका (राष्ट्रपति अल्वी) विशेषाधिकार नहीं है।
राजनीतिक विश्लेषकों ने भी जनवरी में होने वाले चुनाव में संभावित विलंब को लेकर ंिचता जाहिर की है। दरअसल कई विश्लेषकों का कहना है कि कोई भी राजनीतिक दल ‘चुनाव मोड’ में नहीं दिख रहा है जबकि कुछ का कहना है कि र्सिदयों के दौरान ‘कठिन मौसम’ की वजह से चुनाव प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है।
अल्वी की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए ईसीपी ने बृहस्पतिवार को संवाददाताओं को दिए बयान में बताया कि राष्ट्रपति की टिप्पणी से ऐसा प्रतीत होता है कि चुनाव स्थगित हो सकते हैं। ईसीपी ने कहा, ”परिसीमन का पहला चरण पूरा हो चुका है और आपत्ति दर्ज कराने का दूसरा चरण कल (शुक्रवार) तक पूरा हो जाएगा।” बयान के मुताबिक, शुरुआती परिसीमन से संबंधित आपत्तियों पर सुनवाई 30 और 31 अक्टूबर से शुरू होगी और अंतिम सूची 30 नवंबर को प्रकाशित की जाएगी।
ईसीपी ने कहा कि चुनाव के लिए तैयारियां जोरों-शोरों से जारी हैं और एक बार निर्वाचन क्षेत्रों की अंतिम सूची प्रकाशित हो जाए उसके बाद चुनाव कार्यक्रम की घोषणा की जाएगी। निर्वाचन आयोग ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है।
ईसीपी ने पूर्व में कहा था कि चुनाव जनवरी के अंतिम सप्ताह में होंगे लेकिन राजनीतिक दलों की मांग के बावजूद उसने सटीक तारीख बताने से इंकार कर दिया था।