नई दिल्ली : संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण खत्म हो गया है और दोनों ही सदनों को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया है। संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण के आखिरी समय के कामकाज अपने आप में ऐतिहासिक रहे। दोनों सदनों में वक़्फ़ बिल को लेकर देर रात तक चर्चा की गई और उसे पारित किया गया जो अपने आप में एक नया रिकॉर्ड है। वक़्फ़ बिल में पुराना रिकॉर्ड 1981 में 16 घंटे 51 मिनट आजमा अधिनियम पर रिकॉर्ड चर्चा की गई थी..
और राज्य सभा में कल 17 घंटे 2 मिनट तक चर्चा की गई। जो एक एक रिकॉर्ड बन गया। संसद का बजट सत्र दो भागों में आयोजित किया गया; यह 31 जनवरी को शुरू हुआ और 13 फरवरी तक चला। संसद के बजट सत्र का दूसरा भाग 10 मार्च को शुरू हुआ और 4 अप्रैल को समाप्त हो गया।
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बजट सत्र के अंतिम दिन की कार्यवाही शुरू होते ही लोकसभा में विपक्षी दलों की ओर से नारेबाजी और विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया। वहीं, कांग्रेस नेता सोनिया गांधी द्वारा सरकार के खिलाफ की गई टिप्पणी पर सत्ता पक्ष के सदस्यों के जोरदार विरोध के बीच लोकसभा और राज्यसभा में हंगामा देखने को मिला। आज जब सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो भाजपा सांसदों ने “सोनिया गांधी माफ़ी मांगो” के नारे लगाए। राज्यसभा में बजट सत्र के आखिरी दिन,शुक्रवार को दो सदस्यों वीरेंद्र प्रसाद वैश्य तथा मिशन रंजन दास को विदायी दी गई जिनका कार्यकाल जून में समाप्त होने जा रहा है।
लोकसभा
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने शुक्रवार को सदन की कार्यवाही अनिश्चित काल के लिए स्थगित करते हुए कहा कि बजट सत्र के दौरान वक्फ (संशोधन) विधेयक सहित कुल 16 विधेयक पारित किये गए। बिरला ने कहा कि सदन में केंद्रीय बजट पर चर्चा में 169 सदस्यों ने भाग लिया, वहीं सत्र के दौरान 10 सरकारी विधेयक पुर:स्थापित किये गए और वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 सहित कुल 16 विधेयक पारित किये गए।
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उन्होंने कहा कि यह सत्र 31 जनवरी, 2025 को आयोजित किया गया था। इस दौरान कुल 26 बैठकें हुईं और संसदीय उत्पादकता 118% से अधिक रही। बजट सत्र के दौरान, लोकसभा द्वारा विभिन्न मंत्रालयों के लिए अनुदान की मांगों के साथ-साथ वित्त विधेयक को मंजूरी दिए जाने के साथ सरकार ने बजटीय प्रक्रिया संपन्न कर ली। राष्ट्रपति शासन के अधीन मणिपुर के लिए भी बजट को सदन ने मंजूरी प्रदान की।
राज्यसभा
राज्यसभा की कार्यवाही शुक्रवार को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दी गयी। राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने उच्च सदन के 267वें सत्र को अनिश्चित काल के लिए स्थगित करने से पहले अपने पारंपरिक संबोधन में कहा कि इस दौरान सदन में वक्फ (संशोधन) विधेयक सहित कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा हुयी। उन्होंने कहा कि इस सत्र के दौरान राष्ट्रपति अभिभाषण और बजट पर लंबी चर्चा हुयी। इसके साथ ही चार अहम मंत्रालयों के कामकाज पर भी चर्चा हुयी और सत्र के दौरान सदन की उत्पादकता 119 प्रतिशत रही। उन्होंने कहा कि तीन अप्रैल को सदन की कार्यवाही सुबह 11 बजे शुरू होकर चार अप्रैल तड़के तक चली जो अब तक की सबसे लंबी बैठक थी।