रायपुर: छत्तीसगढ़ में कल विधानसभा चुनाव 2023 में दूसरे चरण के 70 सीटों पर मतदान होने है। वहीं इस बार लोरमी सीट हाई प्रोफाइल वीआईपी सीट बन गई है। इस बार इस सीट पर भाजपा प्रत्याशी अरुण साव के सामने कांग्रेस प्रत्याशी थानेश्वर साहू हैं। वर्तमान में अरुण साव बिलासपुर सांसद और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष हैं। इस वजह से ये सीट हाई प्रोफाइल हो चुकी है। पूरे प्रदेश की निगाहें इस सीट पर टिकी हुई है।
क्योंकि सियासी गलियारे में इस बात की चर्चा है कि बीजेपी में ओबीसी वर्ग से अरुण साव सीएम पद के प्रबल दावेदार हो सकते हैं। जिस प्रकार से प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी संभालने के बाद उनकी प्रतिष्ठा में वृद्धि हुई है। पूर्व सीएम रमन सिंह के बाद बीजेपी के सभी पोस्टर्स-बैनर में उनकी तस्वीरें प्रमुखता से दिख रही हैं। पीएम नरेंद्र मोदी की रायगढ़ जिले के कोड़ातराई समेत कई सभाओं में वो पीएम के साथ रथ पर सवार दिखे, जबकि रमन सिंह मंच पर ही चुपचाप बैठे नजर आए। इसलिए लोरमी से साव की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है। वहीं थानेश्वर साहू सामाजिक वोटों के सहारे अपनी नैया पार करने की जुगत में लगे हुए हैं, जबकि सागर सिंह बैस के सामने अपने आप को साबित करने की चुनौती है।
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष बनने के बाद साव छत्तीसगढ़ की राजनीति में तेजी से उभरे हैं। कांग्रेस ने साव को कड़ी टक्कर देने के लिए उन्हीं के समाज (ओबीसी) से छत्तीसगढ़ पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष और साहू समाज के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके थानेश्वर साहू को प्रत्याशी बनाया है। वहीं यहां पर चुनाव त्रिकोणीय होते दिख रहा है। जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जोगी (जेसीसीजे) ने सागर सिंह बैस को चुनाव मैदान में उतारा है और वो पूरी ताकत के साथ चुनाव लड़ रहे हैं। इस बार के चुनाव में कांग्रेस ने उन्हें टिकट नहीं दी, तो उन्होंने पार्टी छोड़कर जेसीसीजे का दामन थाम लिया।